ईद पर्व को देखते हुए पहले से ही व्यापारी गोदाम और दुकान में भर लिए थे माल

प्रयागराज ब्यूरो । रमजान का मुबारक महीना चल रहा है और ईद पर्व भी काफी करीब है। पर्व को देखते हुए नेहरू काम्प्लेक्स के व्यापारी दुकान से लेकर गोदाम तक कपड़े, टोपियां, कास्मेटिक, शूज, स्लीपर चूड़ी, कांच के अन्य आइटम व घरेलू सजावटी एवं पर्दा, बेट और सोफा सीट आदि सामानों का भण्डारण कर रखे थे। आंखों में सपने पाल रखे थे कि ईद पर वह अच्छी दुकानदारी करेंगे। उनके सारे सपने आग में जलकर राख हो गए। अपनी आंखों के सामाने खुद की बर्बादी का मंजर देखकर व्यापारियों का सीना चाक हो गया। उनके लव खामोश तो आंखें नम दिखाई दीं। पर्व का सीजन नहीं होता तो शायद व्यापारियों को इतना लंबा नुकसान नहीं हुआ होता।


आग में राख हो गए दुकानदारों के सपने
पर्व कोई भी तमाम फुटकर व्यापारी इन्हीं दुकानदारों के यहां सामान खरीद कर क्षेत्र की छोटी-छोटी बाजारों में व्यापार किया करते थे। चौक में जिस नेहरू काम्प्लेक्स में आग से व्यापारी प्रभावित हुए उनमें ज्यादातर थोक में ही आइटम की सेल करते हैं। यहां से सिर्फ शहर और जिले के ही नहीं पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ और कौशाम्बी तक के दुकानदार सामान की खरीदारी करते हैं। चौक के व्यापारी कहते हैं कि यही वजह है कि पर्व को देखते हुए यहां व्यापार बहुत सारा माल मंगाकर नेहरू काम्प्लेक्स स्थित गोदाम और दुकान में भर रखे थे। व्यापारी पहले से सामान इस लिए मंगा लिए थे क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि कहीं पर्व करीब आने पर रेट न बढ़ जाय। व्यापारी कहते हैं कि पर्व ही ऐसा सीजन होता है जब व्यापारी कर्ज तक लेकर मॉल मंगाने में लगा देते हैं और बिक्री के बाद सभी का पैसा चुकता करते हैं।


नहीं लगी आग पर पानी से नुकसान
दुकानदार कहते हैं कि बिल्डिंग की आग बुझाने के लिए जवानों को दीवार तक तोडऩा पड़ा। फायर टैंकर से जवान पानी का प्रेशर मारकर आग बुझा रहे थे। ऐसे में अगल बगल की दुकानों में भी काफी पानी भर गया। पानी भर जाने व छीटा अंदर तक जाने से कई दुकानदारों का सामान बगैर आग लगे काफी नुकसान हो गया। वह कर भी क्या सकते थे, आग बुझना भी जरूरी था। नहीं तो पूरी बिल्डिंग आग की चपेट में आ जाती तो और बड़ा नुकसान हो जाता।


इन फायर कर्मियों ने दिखाई दिलेरी
मुख्य अग्नि शमन अधिकारी डॉ। आरके पांडेय के नेतृत्व में आग बुझाने पहुंचे कई जांबाज जवानों की दिलेरी देख व्यापारियों ने सराहना करते नहीं थक रहे थे। कहना था कि पूरी बिल्डिंग में धुआं भरा हुआ था और आग की लपटनें जानलेवा थीं। बावजूद इसके अग्निशमन अधिकारी नागेंद्र प्रसाद द्विवेदी, अग्निशमन अधिकारी द्वितीय अवध नारायण व अग्निशमन अधिकारी नैनी द्वितीय व हंडिया अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार यादव, फायर मैन इंद्रजीत, शिवमूरत, रविभान उपाध्याय, धर्मेंद्र कुमार मिश्र, विवेक कुमार वर्मा आदि दिलेरी के साथ शटकर जान पर खेलते हुए बिल्डिंग के अंदर पहुंचे और आग बुझाने में जुटे रहे।

Posted By: Inextlive