कोरोना काल में दिवंगत विभूतियों के प्रति 'स्मृति समर्पण'
हिंदुस्तानी एकेडमी में हुआ आयोजन, श्रद्धा-सुमन अर्पित कर किया नमन
कोरोना काल में अनंत यात्रा में विलीन हुए जनपद से जुड़े साहित्यकार, पत्रकार, अध्यात्मजीवी, वैज्ञानिक, कलाकार एवं रंग कíमयों की स्मृति में एक कार्यक्रम 'स्मृति समर्पण' हिंदुस्तानी एकेडमी के सभागार में हुआ। कार्यक्रम में शहर के तमाम बुद्धजीवियों, कलाकारों आदि ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम स्मृति स्वरूप दीप प्रज्जवलित किया गया। पत्रकार स्नेह मधुर ने कोरोना काल में रची गई अपनी कविता 'तारणहार' के कुछ अंश प्रस्तुत किए। डॉक्टर श्लेष गौतम ने डॉक्टर रामनरेश त्रिपाठी द्वारा लॉकडाउन में प्रकाशित कहानी 'आतंक' के अंश पढ़कर सुनाएं। इसके बाद भैरव प्रसाद गुप्त की कहानी पर बनी फिल्म 'कंठा' का प्रदर्शन हुआ।कार्यक्रम के आयोजक मनोज गुप्त एवं साथी कलाकारों ने अपने भजनों के माध्यम से महान विभूतियों के प्रति समर्पण किया। वहां मौजूद लोगों ने जान गंवाने वाले 37 महान विभूतियों की याद में एक-एक कर दीप समर्पित किया। कार्यक्रम का आयोजन उद्घोषक एवं फिल्म निर्देशक वीरेंद्र मिश्र तथा गायक मनोज गुप्ता एवं एकता संस्था ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष डॉ उदय प्रताप सिंह, चंद्रशेखर प्राण, डॉ शांति चौधरी, डॉक्टर प्रतिमा वर्मा, डॉ श्लेष गौतम, अतुल यदुवंशी, विजय मिश्र, शाहिद इलाहाबादी, शरद चंद्र श्रीवास्तव, फूल चंद्र दुबे, प्रेम प्रकाश दुबे, बोनी मिश्रा, अनूप बनर्जी, रेशमा श्रीवास्तव, संजय पुरुषार्थी, अमित कुमार, विभोर अग्रवाल, पूनम गुप्ता, प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे, राजीव खरे सहित दिवंगत परिवारों के व्यक्तियों ने अपने विचार रखे।