2017 विधानसभा चुनाव में कम वोट पाकर जीते थे प्रत्याशीइस बार बढ़कर मिला वोट फिर भी नहीं बचा पाए सीटपिछले विधानसभा चुनाव में जिन प्रत्याशियों को कम वोट मिले थे लेकिन उन्होंने फिर भी जीत की इबारत रच दी थी. उन्ही को इस बार चुनाव में अधिक वोट मिले लेकिन वह अपनी सीट नही बचा सके. फिर चाहे वह कोरांव से जमुना प्रसाद सरोज हों या मेजा से नीलम करवरिया. इसके अलावा अन्य प्रत्याशी भी इसी श्रेणी में रहे. इसी क्रम में पिछले चुनाव में हारे प्रत्याशियों ने इस बार हार का बदला भी लिया है.किसको कितना मिला था वोट


प्रयागराज (ब्यूरो)। सोरांव से अपना दल एस के प्रदेश अध्यक्ष व प्रत्याशी जमुना प्रसाद सरोज को पिछले चुनाव में 77814 वोट मिले थे और उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी बसपा की गीता देवी को पराजित किया था। इस बार उन्हें 84659 वोट मिले लेकिन फिर भी वह जीत नही सके। इतना ही नही, इसी सीट पर गीता शास्त्री ने उन्हें जमुना सरोज को पराजित कर पिछली हार का बदला भी लिया है। इसी तरह करछना से भाजपा के पीयूष रंजन ने पिछली हार का बदला लेते हुए उज्जवल रमण को पराजित किया है। मेजा से नीलम करवरिया को पिछले चुनाव में 67807 वोट मिले थे और वह जीती थीं। इस बार उन्हें 74869 वोट मिले लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।मिली सबसे बड़ी जीत
चुनाव में जिले की बारह सीटों में से सबसे बड़ी जीत शहर उत्तरी के हर्ष वद्र्धन बाजपेई को नसीब हुई हे। उन्होंने सपा के संदीप यादव को 42009 वोट से हराया है जबकि पिछले चुनाव में उन्हें 89191 वोट मिले थे और वह उन्होंने 35 हजार से अधिक वोट से जीत दर्ज की थी। सबसे कम मतों से 3160 मतों से फूलपुर में भाजपा के प्रवीण पटेल को जीत मिली है। पिछली बार 26 हजार से अधिक वोट से जीते थे। उन्हें सपा के मुजतबा सिददीकी से जबरदस्त टक्कर दी है। नोटा से भी कम वोटजिले की कई विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों ाके नोटा से भी कम वोट मिले। वहीं तमाम सीटों पर खड़े ्रप्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो गई। भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर होने के चलते बचे हुए वोट में बसपा ने बाजी मार ली। यहां तक कि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की भी हालत ठीक नही रही। शहर की तीनों विधानसभाओं में वह अपनी जमानत बचाने की जददोहद में रहे।

Posted By: Inextlive