टोकन गैंग फ्लाइट पैसेंजर को लगा रहा चूना
प्रयागराज (ब्यूरो)। एयरपोर्ट से निकलने के बाद टैक्सी लेने वाले पैसेंजर को वाहन स्वामियों को मुंहमांगी कीमत पे करनी पड़ रही है। इस स्थिति को झेलना पैसेंजर्स की मजबूरी है क्योंकि उनके पास इसके अलावा कोई दूसरा ऑप्शन भी नहीं है। मनमाना किराया वसूली को लेकर पैसेंजर कई बाद मुद्दा उठा चुके हैं। अफसरों से शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन उन्हें इसका कोई साल्यूशन नहीं मिल रहा है। पब्लिक की तरफ से आने वाली शिकायतों को देखते हुए शुक्रवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया। इसमें टैक्सी चालक गैंग बनाकर काम करते मिले। फ्लाइट आने से पहले दस किलोमीटर की दूरी का तीन सौ रुपये बताया गया। फ्लाइट आने का टाइम हुआ रेट चेंज होकर 45 रुपये प्रति किलोमीटर हो गया। रिपोर्टर ने खुद अपनी आंखों से देखा, कैसे चल रहा है पूरा खेल
स्टाफ तक की मिलीभगत
पं। दीनदयाल उपाध्याय एयरपोर्ट बमरौली प्रयागराज के बाहर लिमिटेड टैक्सी चालक हैं जो बकायदा एयरपोर्ट पार्किंग स्टाफ के टच में हैं। जिनके इशारों पर एयरपोर्ट के बाहर खड़े होते है। जो उनके टच में नहीं रहता उनको खड़े होने नहीं दिया जाता है। कुछ तो ऐसे भी टैक्सी चालक हैं जो अंदर तक जाकर सवारी बैठाकर आते हैं। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के पहले दिन रियलिटी चेक में बहुत सी चीजें निकल कर सामने आई। रिपोर्टर द्वारा पूछने पर पहले एक स्टाफ ने टोकन सिस्टम की बात कही। उसके बाद स्टाफ को कुछ शक हुआ तो पार्किंग टिकट कटाकर अंदर कोई भी गाड़ी जाने की बात कही। ज्यादातर टैक्सी गाडिय़ां एयरपोर्ट के बाहर ही खड़ी थीं जो इस दूसरे से कनेक्ट थे। किसको और कब अंदर जाना है सबका रेट फिक्स था। जानकारों की माने तो सभी टैक्सी गाडिय़ां फ्लाइट आने के समय पर अंदर चली जायें तो शायद एक दूसरे के कंपटीशन में रेट कम हो जाये। लेकिन यह टैक्सी वाले स्टाफ से मिलकर पूरा खेल कर रहे है।
इस तरह से बता रहे रेट
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में एक टैक्सी वाले ने बताया कि 450 रुपये सिर्फ दस किलोमीटर दूरी का लिया जाता है। ऐसे देखा जाये तो 45 रुपये प्रति किलोमीटर का चार्ज हुआ। टैक्सी वाले प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया नहीं लेते है। जबकि हर मेट्रो सिटी में टैक्सी वाले प्रति किलोमीटर के हिसाब से मीटर लगाकर मीटर के हिसाब से चार्ज करते हैं। यही कारण है कि लोगों को मजबूरी में घरवालों को बुलाना पड़ता है या फिर मजबूरी में मुंहमांगा किराया देना पड़ता है। इस बात एयरपोर्ट अधिकारी भी अच्छे से जानते हैं।
पीयूष ओझा गिनी-चुनी गाडिय़ां ही एयरपोर्ट के बाहर खड़ी रहती है। किसी ने सवारी बैठा लिया तो उसके बाद कोई दूसरा बैठाता तक नहीं है। सब एक दूसरे से कनेक्ट हैं। रेट स्थान के हिसाब से बताते हैं जबकि नियम प्रति किलोमीटर के हिसाब से लिया जाना चाहिए।
गौरव विरेंद्र अग्रवाल रेट लिस्ट चस्पा होना चाहिए। अगर कोई टैक्सी वाला एयरपोर्ट के अंदर से सवारी को बैठाता है। यहां कोई रेट लिस्ट नहीं है। इसलिए टैक्सी चालक मनमाना किराया वसूल रहे है। अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। टैक्सी वालों को लगता है कि फ्लाइट से आए तो किराया मन चाहा दे ही देंगे।
गुफरान अहमद
इस तरह की शिकायत अभी तक संज्ञान में नहीं आयी है। ऐसा एयरपोर्ट के अंदर हो रहा है तो इसको चेक कराया जाएगा। रेट टैक्सी वाले क्या ले रहे है। इसको भी चेक कराया जाएगा।
राजीव रत्न पांडेय प्रयागराज एयरपोर्ट निदेशक