टुबैको कंट्रोल प्रोग्राम के तहत कॉल्विन हॉस्पिटल ने कायम की मिसाल

सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने वालों को लगाया जा रहा अर्थदण्ड

ALLAHABAD: सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करना अपराध की श्रेणी में आता है। पहले भी सरकार ने इस पर रोक लगाई और अब एनटीसीपी (नेशनल टुबैको कंट्रोल प्रोग्राम)) के तहत पेनाल्टी के साथ एफआईआर का नियम भी लागू कर दिया है। शहर में केवल कॉल्विन हॉस्पिटल को छोड़ दें तो बाकी विभागों ने एनटीसीपी के तहत छापेमारी अभियान शुरू नहीं किया है। जबकि कॉल्विन प्रशासन ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए शानदार मिसाल कायम की है। हॉस्पिटल कैंपस में धूम्रपान करने वालों से न केवल जुर्माना वसूला गया बल्कि मनमानी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की प्रॉसेस भी शुरू कर दी गई है।

रोजाना राउंड कर वसूले नौ हजार

कहने को यह नौ हजार रुपए छोटी रकम है लेकिन जहां कोई भी विभाग इस अभियान में आगे नहीं आया, वहीं कॉल्विन हॉस्पिटल ने अकेले तीन सौ लोगों के खिलाफ पेनाल्टी की कार्रवाई कर नौ हजार रुपए वसूल लिए हैं। इसके लिए हॉस्पिटल सीएमएस डॉ। एपी पांडेय अपने काउंसलर के साथ रोजाना राउंड पर निकलते हैं और कैंपस में धूम्रपान करने वालों की रसीद काट देते हैं। साथ ही उन्हें अवेयर भी करते हैं। जुर्माने के तौर पर दो सौ रुपए तक अर्थदंड रखा गया है। हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि हमारा मकसद पैसे की वसूली नहीं बल्कि लोगों के अंदर तंबाकू उत्पादों के सार्वजनिक जगहों पर उपयोग को लेकर डर पैदा करना है। यही कारण है कि बहुत से लोगों का परिस्थितियों को देखते हुए दस रुपए का जुर्माना भी लगा दिया जाता है, ताकि दोबारा ऐसा करने से पहले दस बार सोचें।

एफआईआर की रहती है रसीद

हॉस्पिटल के राउंड के दौरान हॉस्पिटल प्रशासन के पास जुर्माने के साथ एफआईआर की रसीद भी मौजूद रहती है। जो व्यक्ति जुर्माना भरने में आनाकानी करता है उसका नाम पता पूछकर एफआईआर की प्रॉसेस कर दी जाती है। इस तरह अब तक आधा दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इसके कई लाभ हैं, बहुत से लोग पान मसाला खाकर इधर-उधर गंदगी फैलाते हैं तो सिगरेट के धुएं से भी मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नए नियम से ऐसे लोगों पर लगाम लगाने में आसानी होती है।

बॉक्स

तुमको है किसका इंतजार

एक ओर मिसाल कायम हो रही है तो दूसरी ओर सरकारी नियम लागू करने वाले सीएमओ ऑफिस में ही धूम्रपान पर लगाम लगाने की जहमत अभी तक नहीं उठाई जा सकी है। यहां जगह-जगह पान की पीक मिलना आम बात है। दूसरे एसआरएन और बेली हॉस्पिटल समेत शहर के दूसरे चिकित्सालयों में भी ऐसी कोई मुहिम शुरू नहीं की जा सकी। इसी तरह विकास भवन, कलेक्ट्रेट, कचहरी आदि में भी इस सख्त नियम का पालन नहीं हो रहा है।

डीएम ने बनाई थी कमेटी

हाल ही में एनटीसीपी के तहत डीएम संजय कुमार ने एक सचल दस्ते का भी गठन किया था। जिसमें सभी विभागों के एचओडी शामिल थे। इस दस्ते को अचानक किसी भी विभाग में पहुंचकर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी थी। इसी क्रम में विभागों के स्टाफ की गंदी आदतों पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे, जिसका पालन केवल कॉल्विन हॉस्पिटल में हो रहा है। बाकी जगह डीएम का यह आदेश फाइलों की शोभा बढ़ा रहा है।

मैं रोजाना अपने काउंसलर के साथ हॉस्पिटल का राउंड करता हूं। मौके पर धूम्रपान करते स्टाफ या परिजनों के खिलाफ पेनाल्टी लगाई जाती है, जिसका मकसद लोगों को जागरुक करना है। जो ना-नुकुर करता है या अपनी गलती स्वीकार नहीं करता उसके खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई होती है।

डॉ। एपी पांडेय, सीएमएस, कॉल्विन हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive