अभी भी तीस फीसदी नही पहुंचे रहे वैक्सीनेशन सेंटर

चार फरवरी को हुए कोरोना वैक्सीनेशन में प्रदेश में गोंडा जिला नंबर वन पर रहा था। वहां 115 फीसदी वैक्सीनेशन किया गया। इसी तरह संभल जिले में 101 फीसदी वैक्सीनेशन किया गया। अगर प्रयागराज को भी प्रदेश में अव्वल आना है तो एक्स्ट्रा एफर्ट करना होगा।

इनको सेंटर तक लाना जरूरी

कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान शुरू से अभी तक तीस फीसदी लाभार्थियों ने सेटर से दूरी बनाकर रखी है। आखिर यह कौन लोग हैं जो कोरोना का टीका लगवाने से बच रहे हैं? इनको सेंटर पर लाने केलिए क्या प्लानिंग की गई है? अगर यह बिना वैक्सीनेशन के रहे तो संक्रमित होने पर जिम्मेदार कौन होगा? अगर ऐसे ही लोग बचते रहे तो जिले में वैक्सीनेशन का प्रतिशत रसातल में चला जाएगा? इन सवालों के जवाब खुद हेल्थ विभाग को ढूंढने होंगे।

बढ़ते जाएंगे चैलेंज

अभी तक हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन लगवाई जा रही थी। यह लोग मेडिकल प्रोफेशनल्स होते हैं और इन्हे साइड इफेक्ट का इलाज करना आता है। अब फ्रंट लाइन वर्कर्स का फेज शुरू हो गया है। यह टेक्निकली इतने स्ट्रांग नही हैं। इसके बाद ओल्ड एज का वैक्सीनेशन शुरू होगा। इसमें भी लाभार्थियों का प्रतिशत बढ़ाना बड़ा चैलेंज होगा। इसलिए आने वाला समय स्वास्थ्य विभाग के लिए आसान नही होगा।

15 को आंकड़े सुधारने का मौका

15 फरवरी को मॉपअप राउंड का आयोजन किया जा रहा है । इसमें छूटे हुए लाभार्थियों को टीका लगवाने का एक और मौका दिया जाएगा। जिसकी तैयारी अभी से शुरू करनी होगी। खासकर यह तीस फीसदी अगर 15 को कवर हो गए तो हेल्थ विभाग अपने रिकार्ड को सुधार पाएगा और प्रदेश के दूसरे टॉप टेन जिलों में अपना स्थान बना सकेगा।

अपने रिकार्ड को सुधारने की कवायद चल रही है। उम्मीद हैकि मॉपअप राउंड में अधिक से अधिक बचे हुए लाभार्थी पहुंचकर टीका लगवाएंगे। हमलोग इसकी कमर कसकर तैयारी कर रहे हैं।

डॉ। राहुल सिंह, डिप्टी डीआईओ, प्रयागराज

Posted By: Inextlive