साइबर ठग किस प्रकार लोगों को बेवकूफ बनाकर उनकी रकम ऐंठ लेते हैं और इनसे बचने के क्या उपाय हैं? इसको लेकर एसबीआई के अधिकारियों और एडीजी जोन भानु भास्कर के बीच बुधवार को चर्चा हुई


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इस दौरान अधिकारियों ने एडीजी को एसबीआई बैंक की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी। एडीजी ने कहा कि ग्राहकों को जागरुक किया जाए, जिससे वह साइबर फ्राड के चंगुल से बचे रहें।

ऐसे रह सकते हैं सावधानमौके पर एसबीआई डीजीएम आर नटराजन, एजीएम मनीष मठपाल, मुख्य प्रबंधक एजीयूपी शोखा मोनिका सक्सेना व मुख्य प्रबंधक त्रिवेणी शाखा समीर गांधी उपस्थित रहे। मुलाकात के दौरान साइबर फ्राड से बचाव के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। जो इस प्रकार हैं-केवाईसी अपडेट करने के लिए बैंक के द्वारा कोई भी लिंक ग्राहक के मोबाइल या ईमेल पर नही भेजा जाता है।अपना कार्ड संख्या, सीवीवी नंबर, नेट बैंकिंग यूजर नेम, पासवर्ड, ओटीपी, यूपीआई पिन आदि गुप्त रखें। ओटीपी किसी को न बताएं।


लाटरी, रिचार्ज प्वाइँट ,पेंशन अपडेट, सिम ब्लाकिंग, केवाईसी अपडेट जैसी लालच, धमकी भरी या सहायतार्थ कॉल धोखेबाजों द्वारा की जाती है। कोई भी जानकारी शेयर न करें। उनके द्वारा बताया गया कोई भी ऐप एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूअर, मिंगल व्यू आदि अपने मोबाइल पर इंस्टाल न करें।किसी भी अज्ञात काल से यूपीआई कलेक्ट रिक्वेस्ट या क्यूआर स्वीकार न करें।

अज्ञात साइटों से हेल्पलाइन नंबर न खोजे, किसी भी समाधान के लिए अधिकारिक वेबसाइट पर ही जाएं। डिजिटल लेनदेन संबंधी विवादों को कभी भी सोशल मीडिया पर साझा न करें।बैंक के द्वारा प्रत्येक डिजिटल लेनदेन के बाद मैसेज भेजा जाता है, यदि आपसे वह लेनदेन नही किया है तो तुरंत उस मैसेज को एसएमएस किए गए नंबर पर फारवर्ड करें।

Posted By: Inextlive