दो महिलाओं सहित पांच एलटी शिक्षकों ने किया था ज्वाइनझांसी के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पांच फर्जी शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने के मामले में तीनों दोषी महिला प्रधानाध्यापकों को निलंबित कर दिया गया है. इन प्रधानाध्यापकों को विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किए जाने के लिए निर्धारित गाइडलाइन का पालन नहीं किए जाने का दोषी माना गया है. अगर नियुक्ति पत्र के सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई गई होती तो ये फर्जी शिक्षक पहले ही पकड़ में आ जाते. लापरवाही के कारण करीब एक माह तक फर्जी शिक्षकों ने विद्यालयों में नौकरी की.


प्रयागराज (ब्यूरो)। यह मामला तब पकड़ में आया जब एक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रीति सागर की ओर से भेजी गई कार्यभार ग्रहण आख्या जिला विद्यालय निरीक्षक एवं मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक झांसी के माध्यम से अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) कार्यालय प्रयागराज में आई। यहां अभिलेखों से मिलान में पता चला कि जून में कोई नियुक्ति पत्र जारी ही नहीं हुआ है। इसके बाद निदेशालय की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षक झांसी को जानकारी दी गई कि जालसाजों ने नियुक्ति पत्र फर्जी व कूटरचित ढंग से तैयार किए हैं। जून-2022 में निदेशालय स्तर से राजकीय विद्यालय में कोई कोई नियुक्ति नहीं की गई है। इसके बाद आजमगढ़ जिले के रहने वाले आरोपित फर्जी शिक्षकों पंचदेव ग्राम लालमऊ, रणविजय विश्वकर्मा ग्राम महुआपुरा तथा नरेंद्र कुमार मौर्य ग्राम वीरभद्रपुर के खिलाफ झांसी के गरौठा थाने में एवं अमृता कुशवाहा निवासी लक्षिरामपुर तथा मैनावती निवासी मधनापार के खिलाफ प्रधानाध्यापक की तहरीर पर मऊरानीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। सभी को जेल भेज दिया गया है।

झांसी जिले में स्थित राजकीय बालिका हाईस्कूल वीरा, राजकीय हाईस्कूल बम्हौरी सुहागी तथा राजकीय हाईस्कूल खड़ौरा गुरसराय के प्रधानाध्यापकों ने अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वहन न कर लापरवाही की है। इस आरोप में विभागीय जांच के बाद तीनों विद्यालयों में तैनात महिला प्रधानाध्यापकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। केके गुप्ता अपर शिक्षा निदेशक

Posted By: Inextlive