शाइन सिटी के खिलाफ तीन और मुकदमे
प्रयागराज (ब्यूरो)। मेजा निवासी बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी सोभनाथ शर्मा, फूलपुर निवासी सेना से रिटायर्ड पद्मकृपाल, अधिवक्ता मुकेशचंद्र श्रीवास्तव, काङ्क्षलदीपुरम निवासी योगेंद्र त्रिपाठी और मऊआइमा की शशिदेवी व लखनलाल, कृष्ण नारायण, गंगा विष्णु और संगम लाल द्वारा की गई शिकायत पर यह मुकदमा सिविल लाइंस पुलिस ने लिखा गया है। पुलिस के मुताबिक सोभनाथ ने कहा है कि कुछ वर्ष पूर्व उनकी सबा फातिमा से मुलाकात हुई थी। मुलाकात बाद वह कंपनी के प्लान को समझाते हुए वह साइट के बारे जानकारी दी। इतना ही नहीं घूरपुर व झूंसी समेत क्षेत्रों में प्लाट दिखाई भी थी। वह अपने साथी पद्मकृपाल, मुकेश के साथ लखनऊ स्थित कंपनी के दफ्तर पहुंचे। जहां पर तीनों के द्वारा फारेक्स ट्रेङ्क्षडग व अलग-अलग अन्य प्लान में लगभग 90 लाख रुपये का निवेश कर दिया। निवेश के बाद जब स्कीम का टाइम खत्म हुआ तो रुपये वापस नहीं किए गए। जब वह कंपनी के लोगों से जानकारी लेना चाहिए तो भी कतराते रहे। इस पर उन्हें खुद के साथ हुए फ्राड का अहसास हुआ और शिकायत पुलिस से किए। आरोप है कि शिकायत के बावजूद उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। पुलिस की उपेक्षा को देखते हुए इंसाफ के लिए वह कोर्ट की चौखट पर जा पहुंचे। अदालत के आदेश के बाद पुलिस द्वारा मुकदमा लिखा गया। शशि देवी, योगेंद्र त्रिपाठी व उनके साथियों से आवासीय प्लाट के नाम पर भी लाखों रुपये की हेराफेरी की गई थी। इस मामले में भी कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। कंपनी के खिलाफ यह मुकदमें कोई पहली दफा नहीं हुए हैं। इसके पूर्व भी सूबे के विभिन्न थानों में सैकड़ों मुकदमें दर्ज हुए हैं। पुलिस की मानें तो तमाम लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी के प्रकरण में एसटीएफ, क्राइम ब्रांच, पुलिस ने अब तक एमडी आसिफ नसीम सहित कई कंपनी के अफसरों को गिरफ्तार कर चुकी है। गौर करने वाली बात यह है कि एक लाख रुपये का इनामी करेली का सीएमडी राशिद नसीम अब भी पकड़ से बाहर है। इस कंपनी के मुकदमों की तफ्तीश ईओडब्ल्यू के पास है।कोर्ट के आदेश पर कंपनी के अफसरों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है। मामले की विवेचना के बाद ही इस मामले में आगे कुछ कहा जा सकता है।वीरेंद्र यादव, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस