- जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के आगे बेबस हुआ मेडिकल कॉलेज प्रशासन- फिर किया ओपीडी का बहिष्कार पसरा रहा सन्नाटा जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल एक बार फिर शनिवार को जारी रही. इस दौरान उन्होंने सुबह तीन घंटे पंजीकरण काउंटर बंद करके प्रदर्शन किया. जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बता दें कि पूर्व में दो सप्ताह हड़ताल पर रहने के बाद जूनियर डॉक्टर्स वापस काम पर लौट आए थे. लेकिन मांगो को लेकर सरकार से कोई उचित जवाब नही मिलने पर एक बार फिर उन्होंने कार्य ठप कर दिया.


प्रयागराज (ब्यूरो)। शनिवार को हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर्स ने सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक पंजीकरण काउंटर के बाहर मेन गेट पर बैठकर धरना दिया। इस दौरान मरीजों को पंजीकरण काउंटर तक जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्हें पीछे के गेट से अंदर जाना पड़ा। यह सूचना मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास पहुंची लेकिन कोई हल नही निकला। जूनियर डॉक्टर्स का कहना था कि उनकी मांग जब तक नही मानी जाएगी वह प्रदर्शन करते रहेंगे।ओपीडी में पसरा सन्नाटाजूनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी में काम नही किया। इसकी वजह से दूर दराज से आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिन ओपीडी में सीनियर कंसल्टेंट बैठे थे वहां पर इक्का दुक्का मरीज नजर आए। पंजीकरण कराने में दिक्कत होने के बाद ओपीडी में डॉक्टर नही मिलने पर मरीजों को निराशा का सामना करना पड़ा। इससे परेशान होकर मरीज अपने घर वापस लौट गए।


इनको हुई परेशानी

सोरांव से आए मुकुंद सिंह के पेट में दर्द की शिकायत थी। वह एसआरएन हास्पिटल मार्निंग में दस बजे पहुंच गए। काउंटर के सामने धरना प्रदर्शन होता देख वह सहम गए। इसके बाद किसी तरह पंजीकरण कराया। ओपीडी में पहुंचे तो देखा कि एक डॉक्टर बैठे हैं और उन्हें भीड़ ने घेर रखा है। काफी देर लगने के बाद वह नजदीक के एक निजी अस्पताल में चले गए। इसी तरह ममफोर्डगंज के रहने वाले कामेश उपाध्याय जब ओपीडी में पहुंचे तो वहां सन्नाटा पसरा था। पता चला कि डॉक्टर साहब किसी मरीज को देखने के गए हैं। काफी देर तक कोई नही लौटा तो कामेश अपने घर वापस लौट गए।दोबारा कार्य बहिष्कार की नौबत क्यों?जूनियर डॉक्टर्स का कहना था कि हमारी मांग पर केंद्र सरकार विचार नही कर रही है। नीट पीजी की काउंसिलिंग को क्यों रोका गया है? इसका जवाब सरकार को देना है। नया बैच नही आने से सेकंड और थर्ड ईयर बैच पर काम का प्रेशर बढ़ता जा रहा है। अगर कोरोना की तीसरी लहर आ गई तो अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने वाले नही मिलेंगे। उन्होंने जल्द से जल्द नए बैच की काउंसिलिंग कराकर एडमिशन शुरू करने की मांग की है।वार्ड में किया काम

इतनी गनीमत रही कि जूनियर डॉक्टर्स ने वाडो्र्रं में काम जारी रखा। इससे भ्रर्ती मरीजों को अधिक परेशानी नही हुई। जनियर डॉक्टर्स का कहना था कि अगर उनकी मांग नही मानी जाती है तो भविष्य में हड़ताल का रुख कठोर हो सकता है। इससे मरीजों का दिक्कत होगी। फिलहाल वह आईपीडी में काम कर रहे हैं। केवल ओपीडी बंद कराई गई है.जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को देखते हुए ओपीडी में सीनियर कंसल्टेंट को बैठने को कहा गया है। मरीजों को वापस नही किया जा रहा है। अस्पताल की सभी व्यवस्थाओं को जारी रखा जा रहा है।प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

Posted By: Inextlive