पीजी हास्टल में एक कमरे के तीन दावेदार
प्रयागराज (ब्यूरो)। मेडिकल कॉलेज में पीजी की वर्तमान में 126 सीटें हैं और हास्टल में 124 कमरे हैं। तीन वर्षीय पीजी कोर्स में इस तरह से कुल मिलाकर 378 स्टूडेंट हो जाते हैं। इनमें से प्रत्येक को एक रूम चाहिए लेकिन ऐसा नही होता। कईयों को रूम नही मिलने पर किराए के कमरे पर रहना पड़ता है। नियमानुसार पीजी हास्टल में एक रूम में एक ही स्टूडेंट को एलॉट किया जाता है। इस समस्या से परेशान स्टूडेंट लंबे समय से नए हास्टल की डिमांड कर रहे हैं।
सीनियर रेजीडेंट को भी चाहिए कमरा
इस हास्टल में सीनियर रेजीडेंट्स को भी कमरा एलॉट किया जाता है। इससे परेशानी बढ़ जाती है। वही कुछ पीजी स्टूडेंट शादी शुदा हैं। उनके लिए मैरिज हास्टल में केवल बीस कमरे हैं जो कि संख्या में काफी कम हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को अपनी फैमिली के साथ किराए पर कमरा लेना पड़ रहा है। जिसकी लागत अधिक होती है। जानकारी के मुताबिक हर साल औसतन 10 से 15 पीजी सीट में बढ़ोतरी हो जाती है। इस साल फिर मेडिकल कॉलेज की ओर से विभिन्न कोर्सेज में 51 सीटें बढ़ाई जाने की मांग की है।
न्यू हास्टल खोले जाने का इंतजार
हाल ही में मेडिकल कॉलेज कैंपस में 200 कमरे का नया हास्टल बनाया गया है। लेकिन इसे अभी तक खोला नही किया गया है। पीजी स्टूडेंट के लिए इसे खोले जाने की मांग चल रही हैं। हालांकि यह हास्टल यूजी स्टूडेंट के लिए निर्मित किया गया है लेकिन मजबूरी में इसमें पीजी स्टूडेंट्स को रहना होगा। पीजी के नए बैच की काउंसिलिंग होने के बाद इसके खोले जाने के आसार नजर आ रहे हैं।
लगभग ऐसा ही हाल एमबीबीएस हास्टल का भी है। यहां पहले एक रूम में एक स्टूडेंट रहता था लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर दो कर दी गई है। पिछले कुछ सालों में यूजी की सीटें बढ़कर 100 से 200 हो गई हैं। लेकिन कमरों की संख्या नही बढ़ी। पांच वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम में 1000 स्टूडेंट को कमरा चाहिए होता है और इस समय अवेलेबिलिटी 532 कमरों की है। इसी यूजी हास्टल में पीजी स्टूडेंट को भी ठहराया जा रहा है। कुल मिलाकर कमरों की कमी से यूजी और पीजी स्टूडेंट दोनों परेशान हैं।
पीजी हास्टल में कमरों की कमी को देखते हुए शासन को 275 कमरों के हास्टल का प्रपोजल भेजा गया है। जिसके पास होने के बाद दिक्कत दूर हो जाएगी। एमबीबीएस में इतनी दिक्कत नही है।
प्रो। एसपी सिंह प्रिंसिपल, मेडिकल कालेज प्रयागराज