अंदावा तलाब में दुर्गा मां की प्रतिमा विसर्जित करने आए थे तीनों एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचते ही डॉक्टरों ने घोषित किया मृत परिवार में मचा कोहराम नवरात्रि के समापन पर मूर्ति विसर्जन करने गए तीन बालकों की तालाब में डूबने से मौत हो गई. मरने वालों में प्रमोद कुमार 13 अनिल 17 और अंकित 15 शामिल है. घटना सरायइयनाय थाना क्षेत्र के अंदावा स्थित तालाब में सोमवार की सुबह हुई. मामले की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. नाविकों व पब्लिक की मदद से पुलिस द्वारा एक-एक करक तीनों की बॉडी को बाहर निकाला गया. तीनों के जीवित होने की उम्मीद से इलाज के लिए पुलिस द्वारा एसआरएन हॉस्पिटल लाया गया. यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया. यह खबर तीनों के घर पहुंची तो परिवार में कोहराम मच गया. उनके पाता व पिता परिवार के साथ भागकर हॉस्पिटल पहुंचे. पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया.

प्रयागराज (ब्यूरो)। नवरात्रि में मां भगवती की पूजा के लिए सहसों में मूर्ति की स्थापना की गई थी। लोगों द्वारा पूरे नौ दिनों तक यहां मां की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। सोमवार को नवरात्र का पूरी तरह से समापन हुआ। युवा वर्ग विधि विधान से मां की मूर्ति को विसर्जित करने के लिए अंदावा तालाब पहुंचे। रास्ते भर इन युवकों व बालकों की आस्था के आगे झुलसाने वाली धूप भी बेअसर दिख रही थी। भक्ति गीत पर नाचते गाते सभी दोपहर के वक्त तालाब पर पहुंचे। तालाब में मां की प्रतिमा को विसर्जित करने के बाद सभी स्नान करने लगे। स्नान करते समय विसर्जन में प्रमोद पुत्र धर्मराज निवासी सहसों थाना सरायइनायत, अनिल कुमार पुत्र शिव बाबू निवासी सेक अहमतपुर थाना थरवई और अंकित पुत्र शिवपूजन तालाब में डूबने लगे। तीनों को डूबते हुए देखकर मूर्ति विसर्जन में गए गांव के अन्य युवा शोर मचाते हुए बचाने की जुगत में लग गई। इस बीच किसी ने जानकारी पुलिस को दी। खबर मिलने पर गोताखोर व नाविकों के साथ पहुंची पुलिस पब्लिक की मदद से तीनों को तालाब से बाहर लाई। जीवित होने की उम्मीद में इलाज के लिए उन्हें लेकर पुलिस एसआरएन हॉस्पिटल पहुंची। हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। जानकारी होने पर पहुंचे परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया।

प्रमोद इकलौता था और अनिल अनफिट
तेरह वर्षीय प्रमोद अपने पिता धर्मराज का इकलौता बेटा था। इकलौता होने की वजह से परिवार उसकी हर जिद पर कुर्बान था। सोमवार को जब वह मूर्ति विसर्जन में जाने की जिद करने लगा। उसकी जिद और इच्छा को देखते हुए घर वालों ने मूर्ति विसर्जन में जाने की अनुमति दे दी। वह कक्षा पांच का छात्र था। जबकि अनिल बोलने व सुनने में भी अक्षम था। फिर भी वह आठ तक की शिक्षा पूरी शिद्दत से हासिल किया। लॉकडाउन में स्कूल बंद हुआ तो पढ़ाई से उसका ध्यान भटक गया था। वह भाइयों में बड़ा था। इसी तरह अंकित के पिता शिवपूजन ने बताया कि वह दो भाइयों में बढ़ा था। पास के एक स्कूल में वह कक्षा 11 का छात्र था।

प्रशासनिक इंतजाम पर उठे सवाल
तीनों के परिजनों संग एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचे लोगों द्वारा प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया गया
कहना था कि अफसरों जानते थे कि नवरात्र में तालाब पर मूर्तियां विसर्जित की जाती हैं फिर भी कोई इंतजाम नहीं था
तालाब पर सुरक्षा के मद्देनजर मोटर बोट व गोताखोर एवं पुलिस के जवानों की मुस्तैदी नहीं थे।
यदि पुलिस व प्रशासन के लोग थोड़ा भी चौकन्ना होकर तालाब में सुरक्षा के इंतजाम किए होते तो आज यह नौबत नहीं आती


मूर्ति विसर्जन में गए तीनों बालकों की तालाब में डूबने से मौत हुई है। उनकी बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया है। मंगलवार को पोस्टमार्टम बाद बॉडी घर वालों को सौंप दी जाएगी।
सुशील कुमार दुबे, प्रभारी निरीक्षक सरायइनायत

Posted By: Inextlive