युवाओं का ब्रेनवाश करके धर्म परिवर्तन यानी मुस्लिम बनाने की रची गई सुनियोजित साजिश का हैरतंगेज मामला मंगलवार को सामने आया है. सुनियोजित तरीके से माघ मेला क्षेत्र में मुस्लिम धर्म की किताबें फ्री यानी मुफ्त में बांटी जा रही थीं. हिंदू बनकर यह काम करने वाले आशीष कुमार गुप्ता उर्फ मो. मोनिश व नरेश उर्फ समीर और महमूद हसन गाजी को पुलिस ने दबोच लिया है. मेला क्षेत्र में मुस्लिम धर्म की किताबें गरीब व मीडियम क्लास के युवाओं को देकर वह उनकी तस्वीरें भी लिया करते थे. मुस्लिम धर्म में उनकी कितनी आस्था है यह बात लिखवा कर हस्ताक्षर कराते हुए उनके मोबाइल नंबर भी लेते थे. किताब देने के बाद ली गई तस्वीर व लिखवा कर लिए गए पत्र को वह सऊदी अरब में रहने वाले कासिम को भेजा करते थे. कासिम यहां करेली इलाके के जीटीबी नगर का रहने वाला है.यह तमाम बातें गिरफ्तार किए गए शातिरों से पूछताछ के बाद पुलिस अफसरों द्वारा मीडिया को बताई गईं.

प्रयागराज ब्यूरो । इनके पास से पुलिस को 204 संदिग्ध धार्मिक किताबें व चार आधार कार्ड और करीब 26 हजार रुपये नकद के साथ एक संदिग्ध डायरी भी मिली है। साथ ही तीन मोबाइल भी बरामद किए गए हैं। इन सब के पीछे किसी बड़े गैंग का हाथ माना जा रहा है। लोकल स्तर पर इस गैंग का सरगना महमूद हसन गाजी बताया गया। महमूद पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र स्थित मरियाडीह के इस्लामिया हिमदादिया मदरसा में शिक्षक और बदमे पैगामे बहदानियत संस्था का अध्यक्ष भी है। जबकि मो। मोनिश (एसआइओ) स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेश पूर्वी उत्तर प्रदेश का जोनल सचिव है। इसके अंडर में करीब 24 जिले आते हैं।
मुफ्त में बांटते थे किताब और पंफलेट
पुलिस लाइन सभागार में डीसीपी नगर संतोष कुमार मीना के मुताबिक महमूद हसन गाजी मूलरूप से फतेहपुर जिले के हुसैनगंज किशनपुरदास मातीनपुर का रहने वाला है। पिछले कई वर्षों से वह यहां जीटीबी नगर मकान बनाकर रहता है। जबकि आशीष गुप्ता उर्फ मोनिश सरायइनायत के सुदनीपुर कला हनुमानगंज व समीर उर्फ नरेश कुमार सरोज कौशांबी के पिपरी थाना क्षेत्र स्थित छोटालालापुर चायल का निवासी है। सरगना महमूद हसन ही इस्लाम धर्म को बढ़ाचढ़ाकर और वेदों के श्लोकों का तोड़मरोड़ कर गलत अर्थ बताते हुए किताबें प्रिंट कराया करता था.छपाई गई इस किताब को वह गरीब युवाओं को माइंड वाश एवं गुमराह करके मुफ्त में बंटवाया करता था।

अबूधाबी से कासिम भेजता है पैसा
ईश्वर का पैगाम अपने नाम। अजान और मूर्ति पूजा सहित अन्य नामों से छपाई गईं किताबें माघ मेला क्षेत्र में बांटी जा रही थी। पुलिस की पड़ताल में यह भी चौंकाने वाला राज सामने आया है कि माघ मेला से पूर्व स्टाल लगाकर गिरफ्तार किए गए अभियुक्त वाराणसी के अस्सी घाट समेत अन्य दर्जनों प्रतिष्ठित ङ्क्षहदू धार्मिक स्थलों पर सैकड़ों किताबें बांटी गई हैं। किताब और बिक्री की तस्वीर वह कासिम नामक शख्स को सउदी अरब के अबूधाबी में भेजा करता था। कासिम महमूद को किश्तों में 10-10 व 20-20 हजार रुपये गैप देकर भेजा करता था।

पीएफआइ व आतंकी कनेक्शन का शक
इस सनसनीखेज मामले के बाद पुलिस और जांच एजेंसियां एटीएस, एसटीएफ से लेकर एसओजी व क्राइम ब्रांच सहित सिविल पुलिस तक एक्शन में आ गई हैं। पूरे मामले की गहन तफ्तीश में जुटी जांच एजेंसियों और जवानों को शक है कि इस पूरे गैंग का कनेक्शन गजवा-ए-ङ्क्षहद, पीएफआइ जैसे संगठनों से हो सकता है। कई घंटों तक की गई पूछताछ के बाए जितने तथ्य सामने आए उसके आधार पर यह खुलासा किया गया। फलहाल अधिकारी व एजेंसियां हर एंगल पर बड़ी ही बारीकी से जांच में जुटी हैं।

छानबीन में मिलने वाले तथ्य और साक्ष्य के आधार पर अब आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक जो तथ्य जांच व पूछताछ में सामने आए हैं वह बताए दिए गए हैं। प्रकरण का केस दारागंज थाने में दर्ज कराया गया है। मामले की कई जांच एजेंसियां तफ्तीश कर रही हैं।
सतीश चंद्र, डीसीपी क्राइम

Posted By: Inextlive