यह है साइबर फ्रॉड का मनी मैनेजमेंट नेटवर्क
प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज पुलिस ने बैंकों में आने वाले फ्रॉड के पैसे के मैनेज करने वाली गैंग के छह लोगों को गिरफ्तार किया। सब झारखंड के रहने वाले हैं। नौकरी दिलाने के लिए तैयारी करने का बहाना बनाया गया। किराये पर कमरा दिलाया गया। लोगों से कनेक्ट किया गया। इसके बाद उन लोगों पर रीच बनाने की कोशिश हुई जिससे असली मकसद पूरा हो। पुलिस के हत्थे चढ़ चुके इन लोगों ने बताया कि इनके जिम्मे बैंक एकाउंट खोलवाना और उसकी डिटेल आनलाइन पैसा ट्रांसफर कराकर फ्रॉड करने वालों तक पहुंचाना होता है। नेक्स्ट स्टेज खाते में पैसा ट्रांसफर होने पर शुरू होती है। इन लोगों ने आधार कार्ड में एड्रेस चेंज कराने को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू किया। आधार लगा होने से बैंक खाता खोलने में भी ना नुकुर नहीं करते थे। एकाउंट में पैसा आने के बाद उसे निकालकर या फिर आनलाइन दूसरे खाते में ट्रांसफर कर देना ही इनका काम था। इसके लिए पर ट्रांजेक्शन कमीशन की रकम फिक्स थी।
शातिरों का मास्टर माइंड स्ट्रोक
एसएसपी ने बताया कि गैंग लीडर विकास दास को गिरफ्तार लोगों ने अपने गैंग का मास्टर माइंड बताया है। मामले का खुलासा करने वाली टीम के मुताबिक वांटेड सीताराम मण्डल निवासी गिरिडीह झारखण्ड अपने जिलों के लड़कों को नौकरी के नाम पर यहां लाकर रूम दिलवाया करता था। फिर यहां एड्रेस की फेक आईडी बनवाकर आधार कार्ड में एड्रेस को वह चेंज करा दिया करता था। आधार कार्ड में चेंज कराए गए एड्रेस को लगाकर बैंकों में खाता खुलवा लेते थे। विकास दास व करण कुमार मण्डल भी अन्य सहयोगी अभियुक्तों के ऑनलाइन खाते खोले गए। इस तरह इनके जरिए शहर के विभिन्न बैंकों में कुल 35 अकाउंट ओपन किए गए। सभी अकाउंट आधार कार्ड का एड्रेस चेंज करवाकर खोलवाए गए थे। वांटेड सीताराम मण्डल व पवन मण्डल निवासी गिरिडीह झारखण्ड साइबर ठगी करने के लिए इन खातों का प्रयोग करते थे। लोगों को झांसे में लेकर ऑनलाइन रुपये शातिरों के जरिए इन्हीं के खाते में मंगाए जाते थे। फेक एड्रेस से खोले गए अकाउंट में ठगी किए गए रुपये आते ही विकास दास एटीएम से निकाल लिया करता था। इसके बाद वांटेड घोषित माण्टू मण्डल द्वारा बताए गए खातों में मनी ट्रांसफर कर देता था। जनसेवा केंद्र संचालक रंजीत गौड़ के साथ किए गए फ्राड की शिकायत पर साइबर सेल टीम द्वारा जांच शुरू की गई। गहन छानबीन व टेक्निकल जांच के बाद मालूम चला कि जनसेवा केंद्र संचालक से फ्राड करने वाले छोटा बघाड़ा में हैं। पुलिस ने उसे उठाया तो एक के बाद एक करके कुल छह लोग पकड़ में आ गये। इन सभी को प्यादे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था।
साइबर ठग बैंक में अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड में एड्रेस चेंज कराने के लिए फेक एड्रेस के कागजात तैयार कराते थे। इसके लिए वह ज्यादातर पार्षद या ग्राम प्रधान से लेटर लिखवा लेते थे। फिर यही लेटर लगाकर आधार में एड्रेस चेंज कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर देते थे। पार्षद व प्रधान लिखकर दे दिए तो ठीक नहीं खुद फर्जी मोहर बनवाकर कागजात तैयार कर लेते थे। खुलासा कर रहे एसएसपी के मुताबिक शातिरों ने कहा है कि वह हलफनामा लगाकर भी एड्रेस चेंज करा लिया करते थे।
इनका किया पुलिस ने चालान
विकास दास पुत्र बंधनदास निवासी पड़पडगंज गली नंग्राम सूरजा पोस्ट खरियोडीह थाना हीरोडीह ख-04 रियोडीह गिरिडीह झारखण्ड हालपता छोटा बघाड़ा अल्लापुर कर्नलगंज
राकेश कुमार मंडल पुत्र हुरो मंडल निवासी खेदवारा ब्लाक बिरनी ग्राम खेदवारा पोस्ट खुरजियो थाना बिरनी खुर्जियो गिरिडीह झारखण्ड हालपता छोटा बघाड़ा अल्लापुर कर्नलगंज
मनीष कुमार मंडल पुत्र महेंद्र मण्डल निवासी पदारमनिया बिरनी बिल्ल पदारमनिया पोस्ट द्वारपहरि पस बिरनी दुवार पहाड़ी गिरिडीह झारखण्ड, हालपता छोटा बघाड़ा अल्लापुर कर्नलगंज
संतोष कुमार राय पुत्र जागेश्वर राय निवासी टोले हरकट्टो पोस्ट लेदा थाना गिरिडीह झारखण्ड, हालपता छोटा बघाड़ा अल्लापुर कर्नलगंज
गोविन्द मंडल पुत्र स्व। पोखन मण्डल निवासी ग्राम खेरोनिया पोस्ट द्वारपहरी थाना गिरिडीह झारखण्ड, हालपता छोटा बघाड़ा अल्लापुर कर्नलगंज
करण कुमार मंडल पुत्र तेजलाल निवासी खेरोनिया पोस्ट सेनादोनी थाना गिरिडीह सेनादोनी झारखण्ड, हालपता छोटा बघाड़ा अल्लापुर कर्नलगंज
आधार कार्ड ही क्यों
पहले बैंकों में खाता खोलने के लिए आधार अनिवार्य नहीं होता था। अब बैंकों ने बिना आधार कार्ड के खाता खोलना बंद कर दिया है। इसके चलते साइबर फ्राड करने वाले शातिरों ने बैंक खाता खोलवाने के लिए के लिए आधार के नियमों के साथ खेलना शुरू कर दिया है। एड्रेस चेंज कराने का लूप होल मिला तो आसान आप्शन जिससे एड्रेस चेंज हो जाय तो उन्होंने इसे एडाप्ट कर लिया है। साइबर सेल से जुड़े जिम्मेदारों ने कहा कि यह नेटवर्क देश भर में फैला होगा क्योंकि आनलाइन फ्रॉड करके पैसा मंगवाने वालों का नेटवर्क भी देशभर में है। इसी के चलते संभव है कि उसने अपने एजेंट पूरे देश में बना रखे हों। प्रयागराज पुलिस ने जो खुलासा किया है, इनके खातों में भी तिरुअनंतपुरम, बंगलुरु शहरों के लोगों का पैसा आनलाइन ट्रांसफर कराया गया है। इस खाते का इस्तेमाल साइबर शातिर तभी तक करते हैं जब तक कि उसका ट्रांजैक्शन शक के दायरे में न आय जाये। ये खाते आगे चलने पर बैंकों का एनपीएस बढ़ाने वाला सिरदर्द बनकर भी सामने आ सकते हैं।
संख्या सामान
33400 रुपये नकद
01 टैबलेट
06 मोबाइल
25 बैंक पासबुक
14 चेक बुक
30 एटीएम कार्ड
17 आधार कार्ड
07 पैन कार्ड
02 बैंक खाता किट एक्सिस बैंक
13 मोबाइल सिम कार्ड आधार में चेंज के नियम
आधार कार्ड में नाम में परिवर्तन सिर्फ दो बार कराया जा सकता है
जन्म तिथि व जेंडर एक-एक बार ही बदने के नियम हैं।
एड्रेस में चेज कराने के लिए कोई लिमिट नहीं है
एड्रेस चेंज कराने के लिए आधार सेवा केन्द्र पर जाकर फॉर्म भरना होता है
एड्रेस चेंज कराने के लिए वेरीफाइड डाक्यूमेंट लगाने के साथ ही 100 रुपये फीस के रूप में पे करने होते हैं
एड्रेंस चेंज कराने में ग्राम प्रधान, पार्षद, सांसद या विधायक द्वारा अपने लेटर हेड पर सील और सिग्नेचर से दिया गया प्रमाण पत्र भी मान्य होता है कोई भी व्यक्ति हलफनामा जैसी चीज लगाकर आधार में एड्रेस चेंज नहीं करा सकता। आधार कार्ड में एड्रेस चेंज कराने के लिए जरूरी डाक्यूमेेंट्स की पूरी लिस्ट है। इसके बिना चेंज नहीं हो सकता। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का लेटरपैड भी इसके लिए अथ्ॉराइज है।
राज गुप्ता
प्रबंधक आधार सेवा केंद्र सिविल लाइंस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में जो जानकारी मिली है वह चौंकाने वाली है। इनकी गहराई से पड़ताल किया जाना जरूरी है। टीम इस केस पर अभी आगे भी काम करेगी ताकि पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके। साइबर सेल की टीम व कर्नलगंज पुलिस को इस खुलासे के लिए इनाम भी दिया जाएगा।
शैलेश कुमार पांडेय
एसएसपी प्रयागराज