ये दो डोज वाला इंजेक्शन है
- इंजेक्शन की कम डोज लगने से परेशान हैं परिजन
प्रयागराज- ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोग होने वाले इंजेक्शन की डोज कम लगने से मरीजों के परिजन परेशान हैं। उनका कहना है कि पहले मरीजों को दिन में पांच से छह डोज दी जाती थी और अब महज दो डोज दी जा रही है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अलग-अलग प्रकार के इंजेक्शन आते हैं। इस बार शासन से सप्लाई किए गए इंजेक्शन की दो डोज पुराने इंजेक्शन के छह डोज के बराबर है। इसलिए परिजनों को चिंता करने की जरूरत नही है। डिस्चार्ज होने के बाद चलेगी टेबलेटदैनिक जागरण आई- नेक्स्ट से बातचीत में एसआरएन अस्पताल के कोविड नोडल अधिकारी डॉ। सुजीत वर्मा ने बताया कि जो मरीज डिस्चार्ज हो जाएंगे उनको इंजेक्शन की जगह दो से तीन माह तक टेबलेट खानी होगी। इस समय एसआरएन अस्पताल में कुल 14 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं जबकि बाकी चार मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जो मरीज भर्ती हैं उनको इंजेक्शन की डोज दी जा रही है।
तीन जून के बाद एक और मौतउधर, शुक्रवार को कोरोना से एक मरीज की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक 21 साल की युवती की होम आइसोलश्ेान में मौत हुई है। कुल मिलाकर तीन नए संक्रमित सामने आए हैं और इनमें से 14 मरीजों का डिस्चार्ज किया गया है। कुल 8353 लोगों की कोरोना सैंपल की जांच की गई है।