भगवान 'नरसिंह' का यह रूप बिल्कुल नया होगा
प्रयागराज (ब्यूरो)। जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदू पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को निकाली जाती है। जो की इस वर्ष 7 जुलाई को है। तो ऐसे में भक्तों के द्वारा रथ यात्रा की तैयारी जोरों से चल रही है। हर वर्ष कि भांति इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ सहित बलभद्र और सुभद्रा नंदीघोष रथ पर सवार होंंगे। कीडगंज रथ यात्रा कमेटी के महामंत्री डॉ। महेंद्र तिवारी ने बताया कि इस वर्ष नरसिंह भगवान की झांकी रथ यात्रा में मुख्य आर्कषण का केंद्र रहेगी। इसी के साथ रथ यात्रा में भगवान गरूण, भगवान बद्री विशाल और भगवान रामचंद्र जी भी अलग-अलग रथ पर सवार होंगे।
गणेश करेंगे यात्रा की अगुवाई
इस वर्ष भी रथ यात्रा की अगुवाई रथ पर सवार भगवान गणेश करेंगे। ऐसी मान्यता है की रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के रथ पर उनके द्वारपाल जय-विजय अप्रत्यक्ष रूप में मौजूद रहते है। जो की पूरी यात्रा में भगवान के द्वार पर खड़े रहते है। रथ यात्रा के दिन जैसे जैसे नजदीक आ रहे है। वैसे भक्तों ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। भगवान का रथ सजने लगा है। इस वर्ष रथ को बेशकीमती रेशमी और मखमल के कपड़ों से बने चमकीले पर्दों से सजाया जाएगा। इसी के साथ भगवान के रथ शीर्ष पर तांबे का गुंबद और विजय पताका भी लहराएगी।
भगवान जगन्नाथ को भगवान श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है। डॉ। तिवारी बताया कि भगवान जगन्नाथ की महिमा का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में मिलता है। धार्मिक ग्रंथों एवं पुराणों मेें ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा रथयात्रा के मुख्य आराध्य होते है जो इस रथयात्रा में शामिल हो कर भगवान के रथ को खींचता है उन्हें सौ यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। रथ को जूट की रस्सी के खींचा जाता है
भगवान जगन्नाथ के रथ को नारियल के जूट से बनी रस्सी से भक्तों के द्वारा खींचा जाता है। भगवान की एक झलक पाने को भक्त लंबी कतारों में खड़े होकर भगवान की यात्रा के आने का बेसब्री से इंतजार करते है। भगवान के रथ को खींचने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्तगण अपने घरों से निकल कर रथ को खींच पुण्य के भागी बनते है।
महाप्रभु जी को पिलाया गया सोंठ गुड़ का काढ़ा
श्री जगन्नाथ जी महोत्सव समिति ट्रस्ट की ओर से ज्वर से पीडि़त आर्य भवन जौहरी टोला जीरो रोड पर विश्राम की लीला कर रहे भगवान जगन्नाथ जी को सोंठ गुड़ से निर्मित काढ़ा बुधवार को पिलाया गया ट्रस्ट के मंत्री गगन गुप्ता ने भगवान को औषधि रूप में काढ़ा अर्पित किया। ट्रस्ट के रथयात्रा सह संयोजक राजेश केसरवानी ने बताया कि भगवान जगन्नाथ जी को लगातार अलग-अलग जड़ी बूटियां से निर्मित काढ़ा प्रसाद का भोग लगाया जा रहा है। तीसरे दिन त्रिफोण औषधि और पांचवें दिन पंचमूल औषधि काढ़े का सेवन महाप्रभु को अर्पित किया गया था, जिसके कारण उनकी सेहत में सुधार हो रहा है। बताया कि काढ़े में मुख्य रूप से आयुर्वेदिक औषधियां में नीम, अजवाइन, तुलसी पत्ता, काली मिर्च, दालचीनी, जावित्री ,लौंग, इलायची, उपयोग किया जा रहा है। दसवें दिन पांच जुलाई को महाप्रभु को दशमूला औषधि काढ़ा प्रसाद का भोग लगेगा जिसे भक्तगण प्रतिदिन प्रसाद के रूप में भगवान को चढ़ा रहे हैं। उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना कर रहे हैं। चार जुलाई से तीन दिवसीय भगवान जगन्नाथ की कथा आर्य भवन में आयोजित किया जाएगा।