काम का नहीं सिर्फ नाम का है यह कंट्रोल रूम
प्रयागराज ब्यूरो ।एक कॉल पर हाउस टैक्स की अपडेट देने के लिए खोला गया कंट्रोल हाथी दांत साबित हो रहा है। आज तक इस इस कंट्रोल रूम का टोल फ्री नंबर जारी नहीं हो सका। ऐसी स्थिति में यह कंट्रोल रूम सिर्फ नाम के लिए ही रह गया है। कंट्रोल रूम काम के बजाय सिर्फ नाम का ही बचा है। भवन के मालिक अपने मकान के हाउस टैक्स को लेकर जोनल व नगर निगम मुख्य कार्यालय में भटकने को मजबूर हैं। सदन में इस कंट्रोल रूम को खोलने के लिए पार्षदों द्वारा आवाज उठाई गई थी। एक महीना पूर्व सिविल लाइंस नगर निगम कार्यालय के सेकंड फ्लोर पर यह कंट्रोल रूम खोला गया था। एक बड़े से हॉल में कम्प्यूटर आदि लगाए गए। इस पर लाखों रुपये नगर निगम द्वारा खर्च किया गया था। खुद महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने फीता काटकर उद्घाटन किया था। उद्घाटन वाले दिन ही टोल फ्री नंबर को लेकर लोगों के जरिए सवाल खड़ा किया गया था। जिम्मेदारों ने आश्वासन दिया था कि हफ्ते भर में यह नंबर जारी कर दिया जाएगा। मगर, यह आश्वासन आज तक पूरा नहीं हो सका। ऐसे हालात में पब्लिक इस कंट्रोल रूम की सुविधा से वंचित है।
महापौर ने किया था उद्घाटन
नगर निगम प्रशासन द्वारा शहर के करीब दो लाख 30 हजार मकानों से हाउस टैक्स की वसूली की जाती है। आय बढ़ाने के लिए टैक्स बढ़ाने का प्लान तैयार किया गया। इसके लिए आईजीआरएस सर्वे कराया गया। इस सर्वे के बाद करीब 92 हजार मकानों का हाउस टैक्स कई गुना बढ़ गया। अचानक कई गुना हाउस टैक्स बढ़ जाने से लोग परेशान हो गए। इस सर्वे के पूर्व इन 92 हजार लोगों में करीब दस हजार भवन स्वामी हाउस टैक्स जमा कर चुके थे। टैक्स जमा करने के बावजूद सर्वे में बढ़े हुए हाउस टैक्स का नगर निगम उन्हें बकाएदार घोषित कर दिया। यह स्थिति से यह दस हजार भवन खुद को बकाएदार की नोटिस देखकर दंग रह गए। परेशान लोग नगर निगम का चक्कर काटने लगे। अपने मकान के टैक्स का अपडेट जानने के लिए कोई जोनल तो तमाम नगर निगम का चक्कर काटने लगे। वार्डों के परेशान लोगों को देखते हुए सदन की बैठक में पार्षदों के द्वारा यह मुद्दा उठाया गया। सदन में हंगामें के बाद आईजीआरएस सर्वे रिपोर्ट से बढ़े हुए हाउस टैक्स की व्यवस्था पर रोक लगा दी गई। सर्व सम्मति से सदन द्वारा स्वकर प्रणाली की व्यवस्था लागू की गई। स्वकर प्रणाली लागू होने के बाद जारी फार्म के अनुरूप खुद से अपने मकान के टैक्स को निर्धारित करने में लोग परेशान होने लगे। यह देखते हाउस टैक्स की समस्या का निस्तारण व अपडेट जानने के लिए कंट्रोल रूम खोला गया। निर्णय लिया गया था कि इस कंट्रोल रूम का एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। मंशा थी कि नंबर पर घर बैठे कॉल करके लोग अपने मकान के टैक्स की सारी अपडेट ले सकें। मगर अब तक कंट्रोल रूम का टोल फ्री नंबर जारी नहीं हो सका। ऐसी स्थिति में कंट्रोल रूम का लाभ भवन स्वामियों को नहीं मिल रहा है। ऐसी स्थिति में वह पहले की तरह ही अब भी परेशान हैं। नगर निगम के जिम्मेदार हैं कि इस टोल फ्री नंबर को जारी करने का नाम नहीं ले रहे हैं.भवन स्वामियों को मिलना था यह लाभ
टोल फ्री नंबर जारी नहीं होने से हाउस टैक्स की अपडेट जानने के लिए भवन स्वामियों को नगर निगम का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
कहा गया था कि टोल फ्री नंबर पर कॉल के बाद हाउस टैक्स से जुड़ी हर समस्या का समाधान तत्काल हो जाएगा।
चूंकि नंबर जारी नहीं हुआ ऐसी स्थिति नगर निगम के जिम्मेदारों द्वारा किया गया दावा खोखला साबित हो रहा है।
कंट्रोल रूम में एक कॉल पर हाउस टैक्स पेमेंट, ऑनलाइन पेमेंट, बकाया टैक्स की जानकारी, आब्जेक्शन निस्तारण भी किया जाना था।
कंट्रोल रूम से भवन स्वामियों को हाउस टैक्स से सम्बंधित मैसेज आदि भेजा जाना था, यह काम भी अब तक शुरू नहीं हो सका।
कंट्रोल रूम से भवन स्वामियों के पास कॉल किया जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा कि वह अपने जोनल कार्यालय में संपर्क करके टैक्स जमा करें। टोल फ्री नंबर के लिए अप्लाई कर दिया गया है। जल्द ही यह नंबर जारी किया जाएगा।
पीके द्विवेदी
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम