ये लापरवाही परिवार की खुशियों पर भारी
प्रयागराज ब्यूरो ।अगर आपका घर गंगा किनारे है तो सावधानी बरतने की जरुरत है। क्योंकि बच्चों को पानी में खेलना अच्छा लगता है। ऐसे में बच्चों कि ये आदत परिवार की खुशियों पर भारी पड़ सकती है। उस पर भी तब जब गंगा में पानी बढ़ा हुआ हो। शुक्रवार को पांच बच्चे गंगा में डूब गए। बच्चों को शायद ही ये पता रहा हो कि आज उनका आखिरी दिन है। वे अब कभी घर नहीं लौट पाएंगे। पांचों बच्चे गंगा नहाने गए और डूब गए। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद जब उनकी बॉडी घरों में पहुंची तो कोहराम मच गया।
किसके सहारे कटेगा बुढ़ापा
बेली गांव में रहने वाली संगीता का जीवन दुखों से भरा रहा। संगीता की उम्र अभी 45 साल है, मगर दुखों का पहाड़ ढोते ढोते वह न जाने कब अपनी उम्र से बहुत बड़ी नजर आने लगी उसे पता ही नहीं चला। दस साल पहले पति नन्दू की मौत ने उसे तोड़कर रख दिया। तीन बच्चे अंजली, अभिषेक और सनी का मुंह देखकर उसने अपने दम पर जिंदगी की शुरुआत की। तीन बच्चों को पालने के लिए संगीता ने घरों में चौका बर्तन करना शुरू किया। संगीता को लगता था कि दोनों बेटे अभिषेक और सनी उसके बुढ़ापे का सहारा बनेंगे। मगर होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था।
पांच साले पहले हो गई बड़े बेटे की मौत
संगीता की बड़ी बेटी है अंजली। उसके बाद अभिषेक और सनी था। कमाई कम और खर्चा ज्यादा होने की वजह से संगीता अंजली, अभिषेक और सनी को सरकारी स्कूल में पढ़ा रही थी। पांच साल अभिषेक अपने दोस्तों के साथ गंगा नहाने गया था। बेली कछार में गंगा में अभिषेक डूब गया। पति के बाद बेटे अभिषेक की मौत से संगीता बदहवास रहने लगी। लेकिन किसी तरह उसने अपनी बेटी अंजली की शादी की। बेटी को विदा करने के बाद बेटे सनी के साथ संगीता रहने लगी। मगर शुक्रवार को मां संगीता से बेटा सनी भी छूट गया। सनी गंगा में डूब गया। उसकी मौत हो गई।
छाती पीटकर रह गई मां
दोपहर में करीब दो बजे पोस्टमार्टम के बाद सनी की बॉडी घर पहुंची तो बदहवास मां संगीता छाती पीटकर रह गई। न वह रो पा रही थी, न चिल्ला। बस बेटे की बॉडी पकड़े चुपचाप बैठी रही। बेटे की आखिरी विदाई का वक्त आया तो मां की आंखों से आंसू फूटे। मगर बस कुछ बूंद। जिंदगी भर दर्द से जूझी संगीता की आंखों में शायद आंसू सूख चुके थे।
देखते देखते क्या हो गया
राजनारायण मौर्य प्राइवेट गाड़ी चलाता है। पत्नी मनीषा और दो बेटे आकाश व विकास। छोटा परिवार। छोटी कमाई। मगर हस कर जिंदगी जीने की आदत रही राजनारायण की। मगर बेटे आकाश की मौत ने राजनारायण और मनीषा को तोड़कर रख दिया। दोनों को शायद ही मालूम था कि शुक्रवार उनके बेटे की जिंदगी का आखिरी दिन होगा। राजनारायण शुक्रवार सुबह निकल गए। मां मनीषा घर पर थी। इस बीच आकाश अपने दोस्तों के साथ गंगा नहाने चला गया। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद आकाश की बॉडी घर पहुंची। राजनारायण दोनों बच्चों को बहुत प्यार करते थे। हफ्ते में एक दो दिन बच्चों के लिए कुछ न कुछ खाने के लिए शाम को लेकर घर जाते थे। मगर शनिवार को राजनारायण अपने बेटे की बॉडी लेकर घर पहुंचे। मां मनीषा और पति राजनारायण काफी देर तक एक दूसरे को पकड़ कर रोते रहे।
बच्चों को बताएं, कैसे रखें सावधानी
- गंगा के आसपास घर है तो बच्चों पर नजर रखें।
- अकेले या दोस्तों के साथ न जाने दें गंगा किनारे।
- बच्चों को बताएं, गंगा में नहाते वक्त कैसे रखें सावधानीं
ये घाट हैं असुरक्षित
- शिवकुटी घाट
- महावीर घाट
- रसूलाबाद घाट
- बेली कछार घाट
- फाफामऊ घाट
- फाफामऊ गंगा घाट पर चार बच्चे डूबे चुके।
- फाफामऊ गंगा घाट पर सीआरपीएफ कर्मी, उसके दो बच्चों की हो चुकी है मौत।
- शिवकुटी घाट पर एमएनआईटी के छात्र की डूबने से हो चुकी है मौत।
- संगम में नौ लोगों की डूबने से हो चुकी है मौत