एनसीसी कैडेट्स को बताया गया पानी की बोतलों पर अंकित होने वाले साइन और नंबर का महत्वछात्रों को बताया गया कबाड़ को कैसे बना सकते हैं उपयोग रीयूज से बना सकते हैं कुछ नया

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। 06 पी बटालियन प्रयागराज के एनसीसी कैडेट्स के कैंप में शामिल छात्रों को मंगलवार को बेहद इंट्रेस्टिंग और काम की जानकारी मिली। खासतौर पर हर सफर में इस्तेमाल की जाने वाली पानी की बोतलों के बारे में। एक्सपट्र्स ने हैशटैग साइन के साथ मेंशन होने वाले नंबर का डिटेल छात्रों को बताया और कहा कि वे इसका ध्यान जरूर रखें। यह आपके बड़े काम आने वाला है। सेंट जोसेफ स्कूल नैनी कैंपस में चल रहे आयोजन के दौरान नगर निगम की तरफ से स्वच्छ सारथी क्लब के अंतर्गत वेस्ट टू आर्ट यानी कबाड़ से जुगाड पर वर्कशाल का भी आयोजन हुआ।

जीवन में बेहद उपयोगी है कबाड़
वर्कशाप की अध्यक्षता कर रहीं सहायक नगर आयुक्त दीपशिखा पांडे ने बताया की कबाड़ से जुगाड़ एक ऐसी विधि है जिसे हम जिन्दगी के हर क्षेत्र में उपयोग में ला सकते हैं। इस तकनीक का उपयोग हम उन चीजों को दोबारा उपयोग में लाने के लिए करते हैं, जिन्हें बेकार समझा जाता है। यह जुगाड़ तकनीक हमें अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बहुत से संभवताओं प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि कुंभ 2025 में प्रयागराज शहर पूरी दुनिया को स्वच्छता का संदेश देगा। हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाएं। शुरुआत नगर निगम के आईईसी प्रमुख कृष्ण कुमार मौर्य ने नीलकंठ ग्रुप के कूड़ा गाड़ी को मॉडल बनाकर एनसीसी कैडेट्स को कूड़े को अलग-अलग करने के फायदे बारे में बताया।

इन नंबरों का राज जरूर जान लें
नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर इंजीनियर संजीव त्रिपाठी और अर्चना त्रिपाठी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के बारे में बताया कि हम पानी की प्लास्टिक बोतल इस्तेमाल करते है उस पर नीचे एक त्रिकोण बना होता है जिस पर कुछ नंबर लिखे होते हैं। उन्होंने इसके बारे में डिटेल इंफारमेशन शेयर की। आप भी इसे जानिए
प्त३ या प्त७
इसका मतलब है कि इस प्लास्टिक में हानिकारक तत्व जैसे बीपीए मिला हुआ है।
प्त१
अगर आपके प्लास्टिक बोतल के पीछे यह नंबर अंकित है तो इसका मतलब होता है कि आप इस कंटेनर को सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्त२, प्त४, प्त५
इस नंबर वाले प्लास्टिक के बोतल को आप रीयूज कर सकते हैं। इन्हें सुरक्षित माना जाता है।
प्त३, प्त६, प्त७
प्लास्टिक के बोतल पर अंकित यह साइन और नंबर संकेत देता है कि आपको इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

बकाड़ लेकर आए, जुगाड़ से बना दिया उपायोगी सामान
दूसरे चरण में राहुल नागर और अशोक पटेल ने एनसीसी कैडेट के साथ प्लॉग रन का आयोजन किया गया। जिसमें एनसीसी कैडेट्स को एक टास्क दिया गया। 30 मिनट के अंदर पूरे कैंपस से सिंगल यूज प्लास्टिकको बटोरना था। कबाड़ से जुगाड़ तकनीक के माध्यम से उसे उपयोगी सामानों में बदलना था। एनसीसी कैडेट्स ने 5 मिनट के पहले ही कैंपस सारे सिंगल यूज प्लास्टिक को बटोर लिया तो ट्रेनर्स ने उसे उपयोगी सामानों में कन्वर्ट कर दिया। लास्ट में ट्रेनर कृष्ण कुमार मौर्य द्वारा निर्देशित और एनसीसी कैडेट द्वारा अभिनीत स्वच्छता पर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। कार्यशाला के दौरान ही तैयार किया गया यह नुक्कड़ नाटक स्वच्छ का बड़ा संदेश दे गया। एनसीसी कैडेट्स की लीडर अंशु मिश्रा द्वारा सभी को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। कैंप कमांडर कर्नल प्रवीण कुमार एस, डिप्टी कैंप कमांडर मेजर फराह, सेंट जोसेफ स्कूल के प्रिंसिपल फादर जोसेफ सहायनाथन ने प्रोग्राम की सराहना की। नगर निगम की ओर से ऋषिकांत यादव, रजत जाटव, मानसी केसरवानी इत्यादि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive