बमबाजी के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बम बनाने वाले छात्र इसके लिए पैसे का जुगाड़ चंदा लगाकर करते थे. सभी मेंबर्स ने अपना एक लीडर चुन रखा था. लीडर के पास ही चंदे का पैसा रखा जाता था. खर्च कैसे और कहां? कितना करना है यह सब मिलकर तय करते थे. इनके पैरेंट्स को सपने में भी अंदेशा नहीं रहा होगा कि बच्चे किस रास्ते पर जा रहे हैं.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इन सभी बमबाजों की गिरफ्तारी सीओ सिविल लाइंस के नेतृत्व में की गई। एक सवाल के जवाब में सीओ सिविल लाइंस ने बताया कि बम बनाने के लिए ही नहीं, पार्टी के लिए भी इनके पास पैसों की कमी नहीं होती थी। इंस्टाग्राम पर बनाए गए ग्रुप के ज्यादा एक्टिव मेंबर रहे छात्र आपस में जरूरत के हिसाब से चंदा कर लिया करते थे। उनके मुताबिक पूछताछ में आरोपित छात्रों के द्वारा बताया गया कि बम बनाने में ज्यादा खर्च नहीं आता था। इसके लिए उन्हें गड्डा (पटाखा) व छह सात माचिस खरीदनी पड़ती थी। बस इसी इतने से वे यूट्यूब पर सीखे गए तरीके से बम तैयार कर लिया करते थे। इन छात्रों के बीच इस बम को गड्डा बम के नाम से जाता नाता है। सीओ की मानें तो अक्सर यह सभी पार्टियां भी किया करते थे। पार्टियां भी यह लोग चंदे के पैसे ही किया करते थे। पार्टी के दौरान विवाद होने पर कोई वहां कुछ नहीं करता था। पार्टी खत्म करके बाहर आने के बाद वह मारपीट किया करते थे। बम भी प्रतिष्ठान के बाहर ही फोड़ा करते थे।

इस तरह से बनाया करते थे बम
सीओ के मुताबिक पूछताछ में इन आरोपित छात्रों के द्वारा बनाने की पूरी विधि भी बताई गई
आरोपितों ने पुलिस को बताया कि वे सबसे पहले किसी कागज पर खरीदे गए पटाखे का बारूद निकालते थे
इसके बाद माचिस की कांटी का अगला हिस्सा तोड़कर उसमें मिला लिया करते थे
फिर उसमें छोटी-छोटी गिट्टियां या और कांच के कुछ टुकड़े भी मिला लिया करते थे
यह सब मिक्स करने के बाद कागज के कई पन्ने लपेट कर गोल आकार देकर रजाई सिलने वाले धागे या कच्चे धागे से बांध दिया करते थे।

बम बनाने में काम आने वाले सामानों की खरीदारी के लिए सभी पैसों का इंतजाम चंदे से किया करते थे। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि आपस में चंदा करके वह पार्टियां भी किया करते थे।
अभिषेक भारती आईपीसी/सीओ सिविल लाइंस

Posted By: Inextlive