- अस्पताल और क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर्स को नहीं है पार्किंग का ख्याल

- सड़क पर पार्क हो रहे वाहनों को प्रॉपर पार्क कराने के लिए स्टाफ भी नही मौजूद

प्रयागराज- यह बात बिल्कुल सही है। हॉस्पिटल और क्लीनिक में मरीजों को देखने में व्यस्त डॉक्टर्स को पार्किंग की जरा भी चिंता नहीं है। उनके प्रतिष्ठान के बाहर सड़क पर बेतरतीबी से खड़ी गाडि़यां दूसरों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। यह समस्या अधिकतर हॉस्पिटल्स के साथ है। यहां तक कि जिम्मेदारी अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

चाट के ठेले वाला है जिम्मेदार

दैनिक जागरण आई- नेक्स्ट ने जब रविवार को फाफामऊ लखनऊ हाइवे पर निजी हॉस्पिटल्स और क्लीनिक का रुख किय तो पार्किंग की विकराल समस्या नजर आई। यहां आस्था क्लीनिक के ठीक सामने सड़क के किनारे बाइक और चार पहिया वाहन खड़े थे। इन्हें तरीके से भी पार्क नही कराया गया था। रिपोर्टर के पूछने पर स्टाफ ने बताया कि यह गाडि़यां उनके मरीजों की नही हैं। बल्कि चाट के ठेले के ग्राहकों की हैं। वह क्लीनिक के ठीक सामने लगा देता है। हालांकि मरीजों की भारी भीड़ होने के बावजूद पार्किंग के लिए कोई इंतजाम नही किया गया था।

मरीज तो हमारी सुनते ही नहीं

आस्था के बगल स्थित अवध चिकित्सालय एवं आर्थोपेडिक सेंटर के सामने भी यही हाल था। यहां भी सड़क पर वाहन पार्किंग अस्त व्यस्त नजर आई। आधी सड़क तक दो पहिया और चार पहिया वाहन लगे थे। पार्किंग का दूर- दूर तक नामो निशान नहीं था। पूछने पर स्टाफ ने गोलमोल जवाब दिया। संचालक से संपर्क नही हो सका। जब परिजनों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम हर बार यही वाहन पार्क करते हैं। हमें आज तक पार्किंग की जानकारी नहीं हुई।

चबूतरे पर दो पहिया, सड़क पर चार पहिया

कलेक्ट्रेट के नजदीक स्थित गंगा हॉस्पिटल का भी यही नजारा था। यहां भी हॉस्पिटल के ठीक सामने चबूतरे पर दो पहिया वाहन लगे थे और सड़क पर चार पहिया वाहन पार्क थे। यहां भी पार्किंग को लेकर हॉस्पिटल संचालक से बात करने की कोशिश की गई लेकिन सफलता नही मिल सकी।

हमारे पास अंडर ग्राउंड पार्किंग है। रोड पर खड़ी गाडि़यां हमारे क्लीनिक के मरीजों की नहीं है। यहां चाट का ठेला लगाता है गाडि़यां उनके ग्राहकों की है। दुकान वाले मानते नही है। फिर भी आगे से मैं पार्किंग देख लूंगी।

डॉ। अपर्णा गुप्ता, आस्था क्लीनिक

हमारे अस्पताल के पीछे पार्किंग बनी है लेकिन मरीज सुनते ही नहीं है। बोर्ड हमने नहीं लगाया पर मरीजों का सब पता है। फिर भी सड़क पर वाहन लगा देते हैं। सड़क पर पार्किंग में हमारा कोई दोष नहीं है।

- डॉ। आरके तिवारी, मैनेजर, अवध चिकित्सालय एवं आर्थोपेडिक सेंटर

Posted By: Inextlive