अपर परियोजना निदेशक ने की एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षाएचआइवी/एड्स ऐसी बीमारी है जिसकी रोकथाम तभी संभव है जब इसके बारे में जानकारी आम जनता तक पहुंचे. सबसे अहम है बीमारी के मरीजों की पहचान. यह बात शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित संगम सभागार में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण सोसाइटी की समीक्षा बैठक में अपर परियोजना निदेशक डा. हीरालाल आइएएस ने कहीं. उन्होंने इस दिशा में कार्य कर रही इकाइयों के सदस्यों से बात की. एड्स नियंत्रण कार्यक्रम में आ रही समस्याओं का निस्तारण किया.


प्रयागराज ब्यूरो । डा। हीरालाल ने कहा कि एड्स नियंत्रण कार्यक्रम में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए मासिक बैठक होनी चाहिए। नोडल अधिकारी डा। अरुण तिवारी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कार्यक्रम के विस्तार में कुछ बदलाव की आवश्यकता हो तो वह भी बताएं। समय-समय पर नोडल अधिकारी और सीएमओ ब्लड बैंक का निरीक्षण करते रहें ताकि हर जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध कराया जा सके। डा। हीरालाल ने सुझाव दिया कि एड्स के संबंध में भ्रांतियों को दूर करने के जागरूकता अभियान, होर्डिंग, वाल पेंङ्क्षटग और सांस्कृतिक कार्यक्रम होने चाहिए। कहीं भी रक्तदान कर बचाएं जान
बैठक में सीएमओ डा। नानक सरन ने सुझाव देते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि कहीं भी रहते रक्तदान कर अपने लोगों के जीवन को बचाया जा सके। जिस प्रकार एटीएम से कहीं भी पैसे निकाले व डाले जा सकते हैं इसी तरह रक्त की व्यवस्था भी हो। जिला एड्स रोकथाम एवं नियंत्रण इकाई के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा रोहित पांडेय ने समीक्षा बैठक का संयोजन किया।

Posted By: Inextlive