चार हजार हेक्टेयर के महाकुंभ में होंगे 25 सेक्टर
प्रयागराज ब्यूरो । महाकुंभ की तैयारी को लेकर शुक्रवार को हुई बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में कुंभ 2019 के सापेक्ष अधिक क्षेत्रफल में मेला बसाने का मास्टर प्लान बनाया गया। इस दौरान सफाई से लेकर टॉयलेट और पांटून पुल की संख्या का भी प्रस्तावित डाटा तैयार हुआ। मेला में सफाई के मद्देनजर डस्टबिन व सफाई कर्मियों की संख्या लकीर भी अफसरों ने खींच ली है। इन तमाम प्रस्तावों के आंकड़ों पर गौर किया जाय तो यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि 2025 में महाकुंभ का दायरा थोड़ा बहुत कम नहीं फाफामऊ घाट तक होगा।
तब तो फाफामऊ तक बस जाएगा मेला
तैयारियों पर हुई चर्चाओं के जिस्ट पर गौर करें तो कुंभ मेला 2019 को 3200 हेक्टेयर में बसा कर 22 पांटून पुल बनाए गए थे।
महाकुंभ 2015 को करीब 4000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाने की तैयारी है। यह क्षेत्रफल कुंभ की तुलना में करीब 800 हेक्टेयर अधिक होगा।
जबकि कुंभ की अपेक्ष 08 पांटून पुल की संख्या महाकुंभ में अधिक होगी। मतलब यह कि महाकुंभ में कुल पांटून पुल 30 पांटून पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया।
बनाए गए इस प्रस्ताव को अब अनुमोदन के लिए अफसर शीर्ष समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
सिर्फ इतना ही नहीं, टेंटेज का प्रस्ताव भी सैद्धांततिक सहमति के लिए बोर्ड के सामने पेश किया गया।
पेश किए गए इस प्रस्ताव पर गौर करें तो 25000 लोगों के लिए पब्लिक अकोमोडेशन तथा 10000 की क्षमता का गंगा पंडाल बनाने का प्रस्ताव है।
बोर्ड ने दी यह सैद्धांतिक स्वीकृति
महाकुंभ 2025 को हरित कुंभ के रूप में बसाने की तैयारी है। इसके लिए महाकुंभ से पहले एक लाख 50 हजार पौधे वन विभाग के द्वारा रोपित किए जाने का भी प्रस्ताव है। साथ ही स्थायी व अस्थायी परियोजनाओं को पीएमआईएस पोर्टल के जरिए अनुश्रवण हेतु पीएमआईएस पोर्टल विकसित किए जाने के लिए एजेंसी हायर की जाएगी। साथ ही माघ मेला 2023 के बाद मेला क्षेत्र में 100 अदद एफआरपी टॉयलेट के वर्ष भर के लिए लगाए गए हैं। यह काम आरेशन एंड मेंटेनेंस के साथ स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। इस प्रस्तावित काम को बोर्ड द्वारा सैद्धांततिक स्वीकृति दे दी गई है।