सरकार के निर्देश पर कुछ माह तक चली कार्रवाई फिर हो गई ठंडी शहर में डग्गामारों पर अंकुश लगाने वालों ने फिर से अपनी आंखें बंद कर ली हैं. इसी का नतीजा है कि सरकार के निर्देश पर कुछ माह तक ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई. जिसके बाद डग्गामार शहर से गायब हो गये थे. कार्रवाई ठंडी पडऩे पर दोबारा धड़ल्ले से शुरू हो गया है. पत्रिका चौराहा से लेकर सिविल लाइंस डिपो के सामने से सवारियां भरी जा रही हैं. डिपो के सामने व पत्रिका चौराहा के आसपास प्राइवेट बसों के खड़े होने से जाम लग रहा है. शनिवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की पड़ताल में फिर से डग्गामारी का खेल सामने आया है. सभी विभागों के अधिकारी फिर से अनदेखी करना शुरू कर दिए हैं. शिकायत सामने आने पर एक दूसरे पर मामला टाल देते हैं.

प्रयागराज (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने रामबाग स्टेशन समीप व चंद्रलोक सिनेमा समीप व हनुमान मंदिर क्षेत्र का पड़ताल किया। यहां डग्गामारों की गाड़ी लाइन से खड़ी मिली। इस क्षेत्र में आवागमन करने वाले लोगों को दिनभर जाम का सामना करना पड़ रहा है। सिविल लाइंस डिपो के सामने व आसपास के एरिया में प्राइवेट बसों में सवारी भरने का मामला सामने आया। डग्गामार सिविल लाइंस डिपो के सामने व कुछ दूरी से वाराणसी, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, लखनऊ, कुंडा व अन्य रूट के सवारी को बिठाते मिले। जबकि जीरो रोड बस डिपो से कुछ दूरी चंद्रलोक सिनेमा के पीछे वाली गली से रीवा व अन्य रूट के सवारियों को बिठाते मिले। वहीं पत्रिका चौराहा व रामबाग क्षेत्र में बसें सवारी उठाते नजर आए। इससे साफ है कि डग्गामारों के मन से कार्रवाई का डर बिल्कुल निकल गया है।

फिर शुरू हो गई मनमानी
शहर में डग्गामारी थमने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। रामबाग, जीरो रोड, सिविल लाइंस डिपो व पत्रिका चौराहा के पास से जहां सैकड़ों बसों का संचालन हो रहा है। वहीं, रेलवे बस बैरहाना चौराहा व सीएमपी डिग्री कॉलेज समीप भी ताल ठोंककर सवारियां भरी जा रही हैं। रोडवेज अधिकारियों की अनदेखी, पुलिस और आरटीओ की सुस्ती का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। बस डिपो के आसपास सौ मीटर के दायरे में खड़े होने वाले डग्गामार सड़क पर कब्जा कर ले रहे हैं। एआरएम ने बताया कि डिपो के सामने से प्राइवेट बसों में सवारी भरी जा रही है। कार्रवाई के लिए आरटीओ से बातचीत हुई है। अभियान चलाकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

क्या प्रॉब्लम झेल रही पब्लिक
- ज्यादातर बसें सड़क पर खड़ी करके सवारी भरी जाती है।
- रोडवेज के सामने प्राइवेट बसें खड़े होने से जाम लगता है।
- बस स्टेशन के रास्ते रेलवे स्टेशन जाने में लोग फंस जाते हैं।
- सड़क किनारे पटरी या अन्य रास्ता न होने से लोग हलकान होते हैं।
- बसों में सवारी भरने की आपाधापी में एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है।
- पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल अक्सर गायब रहते हैं। रोडवेज अधिकारी ध्यान नहीं देते।
- प्राइवेट बसों के संचालन से रोडवेज को घाटा उठाना पड़ता है। पैसेंजर्स की कोई सुरक्षा नहीं होती


बस डिपो के सामने से डग्गामार बसों में सवारियां भरी जा रही हैं। इस बात की जानकारी मिली है। पूर्व में डग्गामारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियान चलाया गया था। प्रवर्तन टीमें को एक्टिव होकर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।
राजेश कुमार मौर्या, आरटीओ, प्रशासन

Posted By: Inextlive