नदियों का जलस्तर घटना कछारी एरिया में रहने वालों के लिए राहत का सबब बना हुआ है. पिछले चौबीस घंटे में गंगा-यमुना का जलस्तर घटने से लोग निश्चिंत नजर आए. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अभी खतरा टला नही है. दूसरे प्रदेशों में होने वाली बारिश फिर से हुई तो वापस से जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है. नदियों में पानी बढऩे से संगम में स्नान करने वालों को जरूर साफ पानी मिल रहा है.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उत्तराखंड में भी बारिश के आसार बने हुए हैं और एमपी में भी मौसम विभाग ने बारिश की चेतावनी जारी की है। ऐसे में वहां पर भविष्य में भी बारिश हुई तो गंगा-यमुना में पुन: जलस्तर बढ़ सकता है। अधिकारियों का कहना है कि अभी बारिश का सीजन बना हुआ है इसलिए निश्चिंत होने की जरूरत नही है। सभी बाढ़ चौकियों को एलर्ट रहने को कहा गया है। रविवार को गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर घटने का क्रम बना रहा। गंगा में पिछले चौबीस घंटे में 22 सेमी तो यमुना में 17 सेमी जलस्तर में कमी आई है। दोनों नदियों का कुल मिलाकर 41 सेमी जलस्तर घटा है। छतनाग में कुल 17 सेमी की कमी दर्ज की गई है। इससे सलोरी, बघाड़ा, ओम गायत्री नगर, दारागंज, करेली आदि एरिया के लोगों ने राहत की सांस ली ह.ै कछारी एरिया होने की वजह से यहां बाढ़ का पानी घरों के भीतर पहुंच जाता है। अगस्त-सितंबर में अधिक खतरा
पिछले वर्षों में जब भी बाढ़ आई है, अगस्त या सितंबर में ऐसा हुआ है। बांध का पानी छोड़े जाने से सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में एमपी और उत्तराखंड में बारिश के तेवर पर आगे का माहौल निर्भर करेगा। जानकारी के मुताबिक रविवार को गंगा का जलस्तर 78.95 मीटर और यमुना का जलस्तर 78.65 मीटर रिकार्ड किया गया है। नदियों में पानी बढऩे से संगम पर स्नान करने वालों को साफ पानी मिल रहा है। पानी में बहाव भी बना हुआ है। जिससे गंदगी नही ठहर रही है। रविवार को गंगा घाटों पर जल लेने पहुंचे कांवरियों ने स्नान कर जल सहित काशी के लिए प्रस्थान किया।

Posted By: Inextlive