कमरों की हालत भी है जर्जर टूटकर गिर रहे प्लास्टरहास्टल में नहीं होती कोई कल्चरल एक्टिविटीपरिसर में वाई-फाई की है सुविधा लेकिन कंप्यूटर हाल में लगा है ताला

प्रयागराज ब्यूरो ।इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के जीएन झा छात्रावास मे लाइब्रेरी तो है मगर उसमे किताबे नहीं है। लाइब्रेरी में काफी दिन से कोई भी नई किताबे नहीं रखी गई है। जो किताबें रखी गई थी वे भी आउटडेट्ड हो चुकी हैं। नई किताबें नहीं होने से छात्रों को मार्केट से किताबें खरीदकर पढऩी पढ़ रही हैं। इस बाबत छात्रों की माने तो उन्होंने इसकी शिकायत कई बार हास्टल प्रशासन से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
फीस पूरी लेकिन सुविधाएं अधूरी
छात्रों ने बताया कि यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन नहीं कराया जाता है। इसके लिए छात्रावास प्रशासन पैसे तो छात्रों की फीस के साथ ले लेता है मगर सुविधा किसी प्रकार की नहीं दे रहा है। इसके लिए छात्रों ने कई बार शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
कई दिनों से बंद है कम्प्यूटर
छात्रों का कहना है कि पूरे छात्रावास में
वाई-फाई की सुविधा छात्रावास प्रशासन के द्वारा की गई है। मगर छात्रों के लिए छात्रावास मे कम्प्यूटर हाल नहीं खोला गया है। कई दिनों से छात्रावास का कम्प्यूटर हाल बंद है। जिस वजह से छात्र कम्प्यूटर का प्रैक्टिकल नहीं कर पा रहे है। अगर छात्रों को कोई फार्म भरना है तो वो उसके लिए बाहर जाना पड़ता है। छात्रों का कहना है की इंटरनेट होने के बाद भी छात्रों को बाहर जाना पड रहा है। जिससे उनका काफी समय और पैसा दोनों बरबाद होता है।
मैदान है मगर किट नहीं
छात्रावास में मैदान है मगर छात्रों को किसी प्रकार की किट नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। बैडमिंटन, वालीबाल, क्रिकेट के खेल के मैदान है। मगर इनकी किट छात्रावास प्रशासन के द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जाती है। इंडोर गेम्स की कोई व्यवस्था नहीं है।
जर्जर हैं दीवारें
छात्रावास में कई सालो से रंगाई पोताई व मरम्मत नहीं होने से दीवारें काफी जर्जर हो चुकी हैं। प्लास्टर जगह-जगह टूटकर गिर रहे हैं। अगर ये चट्टे किसी छात्र के ऊपर गिर जाए तो छात्र गंभीर रूप से घायल हो सकता है। छात्रों की माने तो उन्होंने इसकी शिकायत कई बार छात्रावास प्रशासन से की है लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।

मेस के बावजूद बनाना पड़ता है खाना
छात्रों के लिए मेस की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन खाने की गुणवत्ता अच्छी नहीं होने से अधिकांश छात्रों को खाना बनाना पड़ता है। जिसमे छात्रों का काफी समय वेस्ट होता है। छात्रों ने इसकी शिकायत छात्रावास के अधीक्षक और वार्डेन दोनों से करी। मगर इसके बाद भी छात्रावास मे मेस की सुविधा मे कोई सुधार नहीं है। इसके लिए छात्रों से अलग से पैसा लिया जाता है। एक समय के खाने के लिए 40 रूपए छात्रों से लिए जाते है।
छात्रावास की फीस और कमरे
छात्रावास मे कुल 138 कमरे है। जिसमे लगभग 250 छात्र रहते है। छात्रावास मे रहने वाले छात्रों से फीस के नाम पर 17500 रूपए वसूल किये जा रहे है।
वर्जन-
वाई-फाई की सुविधा पूरे छात्रावास परिसर में है मगर छात्रावास का कंप्यूटर काफी दिनों से बंद है। जिसे खोलने के लिए छात्रों ने कई बार अनुरोध किया। मगर अभी तक नहीं कंप्यूटर हाल नहीं खोला गया छात्रावास प्रशासन के द्वारा।
शमी राज, छात्र
एमए
छात्रावास मे ंस्पोर्टस के इवेंट तो होते है। मगर स्पोर्टस की कोई किट छात्रावास प्रशासन के द्वारा छात्रों को उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
प्रीतम कुमार,
एलएलबी
किसी प्रकार का कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्रावास में नहीं कराया जाता है। इन सब सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए छात्रावास की फीस में पैसा एड आन होता है। इसके बाद भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं कराया जाता है।
अजीत यादव,एमए

वार्डेन और सुपरीटेंडेंट हास्टल में निरीक्षण करने के लिए कभी-कदार ही आते हैं। छात्रों की समस्या सुनते तो है मगर इसका निस्तारण नहीं कर रहे। समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
सूर्यांश राय, एमए

Posted By: Inextlive