यहां न तो बसें रुकती हैं और न ही यात्री
प्रयागराज (ब्यूरो)। लोक सेवा आयोग व हिन्दु हॉस्टल के बीच बनाए गए बस स्टॉपेज पर तो प्राइवेट गाडिय़ां भी नहीं रुकती। ई-रिक्शा व टैक्सी तक को रोकना यहां चालक उचित नहीं समझते। सिटी बस के चालक तो यहां आज तक रुके ही नहीं। लोग बताते हैं कि इस रूट पर कभी सिटी बस चलती नहीं हैं। जबकि इस रूट पर हॉस्टल से लेकर पार्क तक स्थित है। लोगों का बराबर आवागमन भी बना रहता है। बावजूद इसके यहां सिटी बसों के ठहराव को लेकर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। रोड विभाग भी बसों को इन स्टैंडों पर रोकना उचित नहीं समझता। लोगों की मानें तो बनाए गए इन बस स्टैंडों पर लगाए गए सरकारी पैसा का सिर्फ अधिकारियों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है।
लोक सेवा आयोग से हिन्दू हॉस्टल के बीच चार से पांच जगह बस स्टॉप देखने को मिलते हैं। इस रूट पर कभी सिटी बसें दिखाई ही नहीं देतीं। बस स्टॉप पर रुकते हुए तो देखा ही नहीं। जबकि बगल में हाथी पार्क व हास्टल और कई सरकारी विभाग भी हैं। विक्रांत शुक्ला, समाजसेवी
हाथी पार्क के सामने तो कुंभ में भी बस स्टॉप बनाया गया था। आज तक यहां बसें नहीं रुकतीं। बच्चों को घुमाने के लिए यहां हर रोज सैकड़ों लोगों का आना होता है। बस स्टॉप पर सिटी बसों के नहीं रुकने से लोगों को प्राइवेट साधन से ही यहां आना पड़ता है।
आशीश प्रताप सिंह, एडवोकेट
अवधेश कुमार यादव गिरधर, एडवोकेट बस स्टॉप बनाते समय पब्लिक के ठहराव व जरूरत पर ध्यान बिल्कुल नहीं दिया गया। लोकसेवा आयोग चौराहे से हिन्दू हास्टल तक बस स्टॉप बनाने की जरूरत मेरे हिसाब से नहीं थी। इस रूट पर पब्लिक बगैर रुके आवागमन करती है।
शशि शुक्ला, एडवोकेट