भाव सूचियां बहुत है, भाव सिर्फ राम हैं
प्रयागराज ब्यूरो । विश्व हिंदू परिषद के कैंप में विद्यार्थी परिषद की पहल पर तैयार की गयी रंगोली
इंटरनेशनल बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के लिए नामित किया गया, जल्द आएगा रिजल्ट
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट डिपार्टमेंट के छात्र प्रयागराज में एक इतिहास रचने के कगार पर हैं। उन्होंने इबारत लिख दी है और इस इंट्री को एक्सेप्ट भी कर लिया गया है। बस फैसला आना बाकी है। यह उपलब्धि मिलेगी अयोध्या में सोमवार को नवनिर्मित मंदिर में श्री राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर हासिल की गयी है। छात्रों ने 1500 स्क्वॉयर फिट में थ्री डी पेंटिंग तैयार की है। रंगोली को इंटरनेशनल बुक ऑफ वल्र्ड के लिए नामित किया गया है। इंटरनेशनल बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की मेंबर का कहना है कि अब तक इस थीम पर किसी भी टीम या फिर किसी व्यक्ति के द्वारा पेंटिंग नहीं बनाई गई है। यह इंट्री मानकों के अनुरूप रही तो इसे रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया जायेगा।
एक वर्ष सामान है प्रत्येक घंटा
रंगोली को बनाने के लिए 14 घंटे की समय सीमा रखी गई थी। राष्ट्रीय कला मंच के प्रदेश सह-संयोजक अतुल सिंह का कहना है कि प्रभु श्री राम 14 वर्ष के वनवास के उपरांत अयोध्या लौटे थे। प्रत्येक घंटे को एक साल मानकर इसे 14 घंटे में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था। रंगोली को व्यवस्थापक समेत कुल 40 लोगों ने मिलकर तैयार किया है। इसमें 24 छात्र हैं। 24 छात्रों को इसलिए जिम्मेदारी सौंपी गयी क्योंकि साल के आखिरी दो अंकों में यह संख्या आती है।
भविष्य में आय के स्रोत बनेंगे
इस भव्य रंगोली को तैयार करने में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विजुअल आर्टस विभाग के छात्र-छात्राओं अहम योगदान रहा। इसमें बीएफए के फ्रेशर्स छात्र शामिल हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने इन छात्रों से बात की। पहला सवाल इस विधा में उनके कॅरियर को लेकर था। इसमें भविष्य क्या है? इसके जवाब में छात्रों ने बताया की इस कला कॅरियर को ऊंची उड़ान दे सकती है। इसमें पेंटिंग, मूर्तिकला, थ्री डी पेंटिंग, स्केचिंग जैसे विषय समाहित हैं। इनमें से किसी एक में महारत हासिल करके कॅरियर बनाया जा सकता है। एक मूर्ति की कीमत हजारों में होती है। उन्होंने बताया कि राम का काज था तो उन्होंने रंगोली बनाने के लिए कोई पेमेंट नहीं लिया है। रंगोली को बनाने में 31 क्विंटल प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया है। परिषद के सह-संयोजक अतुल सिंह ने बताया की इस रंगोली को बनाने में करीब 25 हजार रुपये का खर्च आया है।
काजल, बीएफए प्रथम वर्ष, एयू चित्रकारी करना मेरा पैशन है। हम इसी की पढाई कर रहे हैं। पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में ही हम एक कीर्तिमान बनाने जा रहे हैं। यह फीलिंग बेहतरीन है।
यशी दुबे, बीएफए प्रथम वर्ष, एयू मैं फाइन आट्र्स का कोर्स कर रही हूं। रंगोली चित्रण हमारे कोर्स का पार्ट है। कोर्स में मूर्तिकला और पेंटिंग भी शामिल है। इसी बहाने हमें प्रैक्टिकल करने और अनुभव लेने का मौका मिल गया।
निधि गौतम, बीएफए प्रथम वर्ष, एयू पेंटिंग और स्केचिंग करना मेरा पैशन है। इस पाठ्यक्रम में पोट्रेट पेंटिंग मेरा पसंदीदा विषय है। इसके अलावा मुझे एक्टिंग और डंासिंग में भी इंट्रेस्ट है। मैं तो इसमें ही अपना कॅरियर देख रही हूं।
सलोनी कुशवाहा, बीएफए प्रथम वर्ष, एयू
अब तक किसी ने इस थीम पर रंगोली का निर्माण नहीं किया है। इनकी रंगोली को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया जायेगा या नहीं इसका पता पूरा डाटा आने के बाद ही चलेगा। इसमें कम से कम तीन दिन लग जाएंगे। यह विश्व रिकॉर्ड है या नहीं, अभी कुछ कह नहीं सकते।
सानिया
मेंबर, इंटरनेशनल बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड