अगर आप रेल में सफर कर रहे हैं तो सतर्क भी रहें. क्योंकि दूसरे की लापरवाही से भी आपकी जान जा सकती है. अलीगढ़ में नीलांचल एक्सप्रेस के यात्री की सब्बल से गई जान इसका जीता जागता सुबूत है. किसी और की लापरवाही का खामियाजा उसे भुगतना पड़ा. पटरी पड़ा सब्बल उछलकर उसकी गर्दन में धंस गया जिससे उसकी जान चली गई. इस हादसे को देखते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जंक्शन और आसपास के एरिया का जायजा लिया. जहां ऐसी ही अन्य लापरवाही सामने आई.


प्रयागराज जंक्शन के पटरियों के बगल पड़ा हुआ है लोहे का रॉड, प्लेटफार्म पर घूम रहे कुत्ते दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के रियलिटी चेक में कई खामियां आई सामने, प्लेटफार्म व ट्रैक के बीच निकला दिखाई पड़ा सरियाप्रयागराज (ब्‍यूरो)। रेलवे नियम अनुसार ट्रेनों के बोगी में इमरजेंसी विंडो इसलिए दिया जाता है ताकि आपातकालीन स्थिति में मुसीबत पडऩे पर बोगी के अंदर फंसे यात्री बाहर निकल सके। लेकिन अपनी सुविधा के लिए यात्री इस रेलिंग को खोलकर सफर कर रहे हैं। इस तरह से पूरी खुली खिड़की से कोई भी वस्तु बोगी के भीतर आसानी से आ सकती है। रिपोर्टर ने दोपहर तीन से शाम पांच बजे के बीच 7, 8, 9 और दस नंबर प्लेटफार्म पर आने वाली ट्रेनों को चेक किया। जिसमें लगभग सभी डिब्बों की इमरजेंसी विंडो पूरी तरह से खुली हुई थी। घातक हो सकता है लोहे का रॉड
इसी तरह नौ और दस नंबर प्लेटफार्म और ट्रैक के बीच लोहे का रॉड भी पड़ा नजर आया। अगर यह ट्रेन की चपेट में आया तो किसी के लिए भी घातक साबित हो सकता है। रिपोर्टर ने पाया गया कि प्लेटफार्म पर आवारा कुत्ते भी घूम रहे थे। उनके सामने से यात्री डरे-सहमे से गुजर रहे थे। पूछताछ में लोगों ने बताया कि अक्सर यह कुत्ते यात्रियों को दौड़ा भी लेते हैं। बोगी में अपनी सुरक्षा अपने हाथरियलिटी चेक के दौरान दिखने को मिला कि लोकमान्य तिलक ट्रेन के जनरल बोगी के सीट का बुरा हाल था। ऊपर के सीट का लोहा निकला हुआ था। नीचे बैठने वाला व्यक्ति अगर अचानक से उठता है तो सिर लड़ सकता है। जिससे उसे चोट लग जाती। वहीं बोगी के अंदर लगे स्विच बोर्ड तक खुले हुये थे। तार लटक रहा था। उसमें सप्लाई आ रहा है या नहीं किसी को नहीं पता है। तार टच न हो जाये। जिसके चलते लोग दूरी बनाकर उठ-बैठ रहे थे। सात नंबर प्लेटफार्म पर के लगे वॉल फैन लटका हुआ था। कब गिर जाये कोई भरोसा नही।

Posted By: Inextlive