तकनीक के इस्तेमाल से हो समाज का उत्थान
प्रयागराज (ब्यूरो)। कार्यशाला के समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो। आरएस वर्मा, निदेशक एमएनएनआईटी रहे। निदेशक ने अपने अभिभाषण में आपदा प्रबन्धन एवं तकनीक का सामाजिक उत्थान के लिए करना समकालीन समय में अति प्रासंगिक बताया। उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न आपदाओं के सजीव अनुभवों को साझा किया। बताया कि 2001 में आए भुज में भूकम्प हो या 2004 में आए चेन्नई के समुद्र तट पर सुनामी दोनों ही समय वो आपदा स्थल पर उपस्थित थे। उन्होंने उसके मार्मिक और तकनीकी पहलुओं पर बात करते हुए कार्यशाला के प्रतिभागियों को चुनौती दी की वे सामाजिक एवं राष्ट्रीय निर्माण में योगदान देने आगे आएं। इसके साथ ही उन्होंने आयोजन समिति को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। बताया की इस कार्यशाला में शहर के विभिन्न तकनीकी संस्थानों के साथ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और शुआट्स के 55 विद्यार्थी भी प्रतिभाग कर रहे हैं। इन विद्यार्थियों के साथ सिंचाई विभाग, पीडीए, जल निगम, गंगा प्रदूषण संस्थान के भी अभियंता ने भी प्रतिभाग किया।
कार्यशाला के अनुभव साझा किए
एनआईडीएम नई दिल्ली से आए प्रो। चन्दन घोष एवं एमएनएनआईटी से प्रो। राकेश कुमार एवं प्रो। एके सिंह ने भी अपने विचार रखे। इसी क्रम में प्रतिभागियों में प्रमोद सरोज, सहायक अभियंता, सिंचाई विभाग, अजय प्रताप सिंह, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कृतिका धुर्वे, शुआट्स विश्वविद्यालय, प्रद्युम, बीबीएस कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी की रूपाली, एमएनएनआईटी ने अपने संस्थान के बाकी साथी प्रतिभागियों का प्रतिनिधित्व करते हुए कार्यशाला के अनुभव साझा किए एवं भविष्य में ऐसे और आयोजन करने का अनुरोध किया। एनआईडीएम, नई दिल्ली से प्रो। चन्दन घोष एमएनएनआईटी से प्रो। एके सिंह, राकेश कुमार एवं डॉ। एचके पाण्डेय उपस्थित रहे। कार्यशाला संयोजक डॉ। एचके पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में कार्यशाला की रूप रेखा, उद्देश्य एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन डॉ। एचके पाण्डेय ने किया।