हर समय गर्म रहता है चुनावी कंट्रोल रूम का माहौलआचार संहिता के उल्लंघन और वोटर लिस्ट को लेकर हर पल आती हैं शिकायतेंतीन शिफ्ट में काम कर रहे है कर्मचारी तय होती है जवाबदेहीदोपहर के दो बजे हैं. चुनावी कंट्रोल रूम में गहमा गहमी का माहौल है. ऑनलाइन और ऑफलाइन सहित फोन पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण की कवायद जारी है. तभी अचानक फोन बज उठता है. उधर से एक व्यक्ति ने वोटर आईडी में फोटो गलत होने की शिकायत दर्ज कराई है. जैसे ही फोन कटता है इस शिकायत को जिला निर्वाचन कार्यालय ट्रांसफर कर दिया जाता है. इसी बीच पुन: फोन की घंटी बज उठती है. उधर से होने वाली शिकायत को नोट कर लिया जाता है. पूछने पर बताया जाता है कि बीएलओ से संबंधित कम्प्लेन की गई है. यह हाल चुनाव कंट्रोल रूम यानी डिस्ट्रिक्ट कांटेक्ट सेंटर का है. जो वर्तमान में 24 घंटे संचालित हो रहा है और यहां तीन शिफ्ट में कर्मचारी लोगों की चुनाव से जुड़ी शिकायत दर्ज कर रहे हैं.

प्रयागराज (ब्यूरो)। मौके पर मौजूद सहायक कंट्रोल रूम प्रभारी डीडी एग्रीकल्चर विनोद कुमार ने बताया कि यहां पर आंख और कान हर समय खुले रखने पड़ते हैं क्योंकि शिकायतें चारों ओर से आती हैं। एनजीआरएस से ऑनलाइन शिकायतें, सी विजिल पर प्राप्त शिकायतें, ऑफलाइन और टोल फ्री नंबर 1950 से शिकायतें प्राप्त होती हैं। इनके निस्तारण की समय सीमा निर्धारित है। अगर जरा सी देरी हुई तो चुनाव आयोग के सवालों का जवाब देना पड़ सकता है।

कहां से कितनी शिकायतें
कंट्रोल रूम में प्राप्त अब तक कुल शिकायतें- 4712
एनजीआरएस से ऑनलाइन प्राप्त शिकायतें- 3742
सी विजिल से प्राप्त शिकायतें- 57
ऑफलाइन प्राप्त शिकायतें- 134
टोल फ्री शिकायतें- 766
लंबित शिकायतें- 3

सी विजिल पर आधी शिकायतें फर्जी
चुनाव में आचार संहिता की शिकायत के लिए आयोग ने सी विजिल ऐप लांच किया है। इसमें अब तक 57 शिकायतें प्राप्त हुई और 28 शिकायतें इनमें से फर्जी मानी गई हैं। मौके पर पहुंची फ्लाइंग स्काट ने इन शिकायतों को खारिज कर दिया है। सहायक प्रभारी ने बताया कि 90 मिनट में एक शिकायता का निस्तारण करना होता है। आरओ की संस्तुति पर इसे निस्तारित माना जाता है। बताया गया कि रोजाना एवरेज सौ शिकायतें प्राप्त होती हैं।

दिनभर टीवी देखना है काम
कंट्रोल रूम में तीन टीवी लगी हैं। इनके सामने तीन लोग बैठे थे। रिपोर्टर को देखकर आश्चर्य हुआ। कि आखिर ये कैसी नौकरी है कि यह लोग न्यूज देख रहे हैं। पूछने पर बताया गया कि यह एमसीएमसी टीम है और इसका काम न्यूज चैनल्स में आने वाले कार्यक्रमों में आचार संहिता के उल्लंघन को देखना है। अगर ऐसा दिखता है तो क्लीपिंग सीधे आयोग को भेजी जाती है।

कुल 27 कर्मचारियों को रखा गया है और यह तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं। यहां एलर्ट रहने की जरूरत है। जरा सी चूक से कार्रवाई का डर बना रहता है। यहां से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाता है।
विनोद कुमार
डिप्टी डायरेक्टर, कृषि विभाग प्रयागराज

Posted By: Inextlive