ई रिक्शा चालक बोलेंगे वेलकम सर
प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर में ई-रिक्शा चलाने वालों का स्किल टूरिस्ट गाइड के तौर पर विकसित किया जायेगा। प्रयागराज में बाहर से आने वाले लोगों को जनपद के टूरिज्म स्पॉट की जानकारी देगा और उनको भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुसार स्वागत करना भी उनकी जिम्मेदारी होगी। इसके लिए पहल ही है पर्यटन विभाग ने। विभाग की तरफ से शुक्रवार को ई रिक्शा चालकों की ट्रेनिंग का आगाज कर दिया गया। इसके साथ ई रिक्शा चालकों को संस्कारवान बनाने की कवायद शुरू हो गयी है।
संस्कारवान बनेंगे
महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की प्रयागराज पहुंचने पर सबसे पहले भेंट होती है
यहां टैक्सी चालक या ई रिक्शा चालकों से। इन चालकों के बर्ताव, आगंतुकों से संवाद और उनके तौर तरीके से भी कुंभ नगरी की छवि तय करेंगे।
ऐसे में इनकी सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग की जरूरत को देखते हुए आज से ई रिक्शा चालकों की ट्रेनिंग भी पर्यटन विभाग की तरफ से शुरू हुई है।
इस अभियान का उद्देश्य रिक्शा चालकों का स्किल डेवलेपमेंट और उनके बर्ताव को आगंतुकों के प्रति और बेहतर बनाना है।
मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबन्ध संस्थान, लखनऊ की अगुवाई में इन रिक्शा चालकों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
जिसके लिए उसकी एसओपी बनाई गई है।
कुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक ये रिक्शे कुंभ क्षेत्र के अंदर और बाहर चलाए जाएंगे जिनके लिए कलर कोडिंग भी की जायेगी।
मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान की तरफ से शहर के होटल राही इलावर्त में यह ट्रेनिंग शुरू हुई है। कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रखर तिवारी का कहना है कि पर्यटकों के साथ व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनाने और पर्यटक स्थलों एवं मार्गों की जानकारी देने के साथ स्वच्छता की जानकारी देने के लिए इनका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन रिक्शा चालकों को महाकुंभ की कहानियां और प्रयाग के महात्म्य का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि ये लोग महाकुंभ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के साथ प्रयागराज के पर्यटक स्थलों की भी रोचक अंदाज में जानकारी दे सकें। इसी क्रम में आज इन्हें यातायात के नियमों, स्वच्छता, अच्छे बर्ताव और डिजिटल भुगतान का भी प्रशिक्षण दिया गया है।
भरवाया गया फॉर्म
ई रिक्शा चालकों को ट्रेनिंग देने के पहले एक फॉर्म भी पर्यटन विभाग की तरफ से उनकी बुनियादी जानकारी के लिए भरवाया गया है। प्रयागराज ई रिक्शा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रघुनाथ द्विवेदी का कहना है कि यह फॉर्म ई रिक्शा चालकों को दे दिया गया है जिसमें उल्लेखित शर्तों का पालन करने पर ही उनको ट्रेनिंग का प्रमाणपत्र और रिक्शे का क्यू आर कोड मिलेगा जिसे वो अपने रिक्शे में अपनी पहचान के लिए लगा सकेंगे। यह ट्रेनिंग वही रिक्शा चालक कर सकेंगे जिनके रिक्शे चाइना मेड नहीं हैं।
एक हजार ई रिक्शा चालकों का प्रशिक्षण देने का अभियान आज से शुरू हुआ है। पहले दिन सौ ई रिक्शा चालकों को प्रशिक्षण दिया गया है। सभी चालकों से फॉर्म भरवाया गया है। इन सभी को क्यू आर कोड दिया जायेगा।
अपराजिता सिंह
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी