प्रशासन का रेट अपनी जगह, कमरा चाहिए हमारी शर्ते चलेंगी
कोई मांग रहा परिजन से कोविड जांच रिपोर्ट तो कोई लोकल आईडी
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के स्टिंग में होटल संचालकों की मनमानी आई सामने एक तरफ कोरोना मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ होटल संचालक प्रशासन के आदेश को दरकिनार कर मनमानी कर रहे हैं। तय रेट से अधिक रकम मांग रहे हैं। कोई होटल संचालक लोकल आईडी मांग रहा है तो कोई कह रहा है जाकर सीएमओ साहब से लिखवाकर लेकर आओ कि उनका परिजन भर्ती है। कुछ होटल संचालक ठहरने वालों का कोविड जांच रिपोर्ट तक मांग रहे हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की स्टिंग में होटल संचालकों की मनमानी सामने आई। क्या है आदेशजिले में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीज के तीमारदारों के लिए प्रशासन ने होटलों में कमरा व दो वक्त खाने का आदेश दिया है। इसके लिए 15 होटलों को चिह्नित भी किया गया है। जहां एक कमरे में दो व्यक्ति के रुकने के लिए 600 रुपये रेट तय किए गए हैं।
ठहरने वालों का चाहिए कोविड रिपोर्ट दिन मंगलवार समय 1:02 मिनट, जेके पैलेस होटल रिपोर्टर : मुझे एक कमरा चाहिए होटल मैनेजर : मिल जाएगा खाली है रिपोर्टर : दो लोगों को रुकना हैहोटल मैनेजर : 15 सौ रुपए लगेगा
रिपोर्टर : हमारा मरीज एसआरएन अस्पताल के कोविड वार्ड भर्ती है होटल मैनेजर : अच्छा तो ऐसा कहिए कि आप कोविड मरीज के परिजन है रिपोर्टर : जी हां होटल मैनेजर : आपको 600 रुपये में प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए डेट पर कमरा मिल जाएगा, लेकिन ठहरने वालों का कोविड रिपोर्ट चाहिए होगा रिपोर्टर : अब अचानक से रिपोर्ट कहां से लेकर आए, रिपोर्ट तत्काल मिलना बड़ा मुश्किल है होटल मैनेजर : तब कमरा नहीं दे पाएंगे एक कमरे में 2 लोगों के रुकने पर 12 सौ लगेगा समय 1:18 मिनट, युगांतर होटल रिपोर्टर : एक कमरा चाहिए रिसेप्शन काउंटर पर मौजूद लेडी : 3000 रुपए लगेंगे रिपोर्टर : मैं कोरोना मरीज का परिजन हूं रिसेप्शन काउंटर पर मौजूद लेडी : मैं अपने मैनेजर को बुलाती हूं वेट करें रिपोर्टर : जी ठीक है, कुछ देर बाद मैनेजर आया मैनेजर : आपके पास मरीज के भर्ती कराने का डॉक्यूमेंट है या नहीं रिपोर्टर : जी हां है मेरे पास मैनेजर : तब ठीक है आपको रूम मिल जाएगा, कितने लोगों को रुकना है रिपोर्टर : दो लोग हैं एक कमरे में रुक जाएंगे मैनेजर : आपको नियम बता दे कि पर हेड 600 रुपये लगेगारिपोर्टर : जिला प्रशासन की तरफ से जो आदेश जारी हुआ है उसमें एक कमरे का रेट 600 ही है
मैनेजर : आदेश अपनी जगह है लेकिन दोनों व्यक्ति को दो वक्त का खाना भी तो देना है रिपोर्टर : देख लीजिए मैनेजर : इससे कम में नहीं दे पाएंगे कहीं और देख लीजिए 2000 लगेगा इससे कम नहीं हो पाएगा समय 1:35 मिनट, ट्यूलिप होटल रिपोर्टर : एक कमरा चाहिए था, रिश्तेदार को कोरोना हुआ है वह एसआरएन अस्पताल में भर्ती हैं मैनेजर : अभी यहां पार्टी चल रही है, कहीं और ट्राई कर लीजिए रिपोर्टर : क्या रूम खाली नहीं है मैनेजर : रूम खाली है लेकिन आप डिस्टर्ब हो जाएंगे इसलिए कहीं और देख लीजिए रेट सब जगह एक है रिपोर्टर : ऐसे रेट क्या है कोरोना मरीज के परिजनों के रुकने का मैनेजर : दो हजार रुपए रूम का है, दो लोग रुकने पर पर हेड 1000 पड़ेगा रिपोर्टर : रेट तो निर्धारित से काफी ज्यादा मैनेजर : रेट यहां पर यही है इसलिए आपसे कह रहा हूं कहीं और देख लीजिए सीएमओ साहब से लिखवा कर ले कर आइए तब मिलेगा कमरा समय 1:55 मिनट, साकेत होटलरिपोर्टर : एक कमरा चाहिए था, मरीज एसआरएन अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती है
मैनेजर : कमरा मिल जाएगा लेकिन बिना एसी वाला है और छह सौ रुपए लगेगा रिपोर्टर : ठीक है चलेगा, कुछ देना तो नहीं होगा इसके अलावा मैनेजर : आईडी प्रूफ के साथ सीएमओ साहब का लिखा हुआ होना चाहिए कि आप कोविड मरीज के रिश्तेदार हैं रिपोर्टर : सीएमओ साहब का लिखा हुआ तो नहीं है लेकिन आईडी प्रूफ है मैनेजर : आप लोकल हैं या फिर बाहर से हैं रिपोर्टर : मैं बाहर से हूं मेरा साथी लोकल है लेकिन सिटी से बाहर उनका घर है, वह करछना के रहने वाले है मैनेजर : आपको रुकने दे सकते हैं लेकिन सीएमओ साहब से लिखवा कर लाना पड़ेगा। मगर आपके साथी लोकल है उनको अनुमति नहीं है रिपोर्टर : वह करछना से रोजाना कैसे अप एंड डाउन करेंगे मैनेजर : हम नहीं जानते हमारा नियम यही है सिटी के अंदर चिह्नित 15 होटल मालिकों को साफ निर्देश दिया गया है कि निर्धारित रेट 600 रुपये पर ही कोविड मरीज के परिजनों को कमरा देना होगा। इसके साथ ही दो वक्त का खाना भी शामिल होगा। अगर कोई आदेश नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अशोक कनौजियाएडीएम सिटी प्रयागराज