प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर लगे वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट स्टॉल मालिक यात्रियों के साथ धोखा कर रहे हैं. उनके स्टाफ ट्रेन आते ही सामानों से रेट लिस्ट गायब कर दे रहे हैं. वह प्लेटफार्म पर जिस रेट पर सामान बेच रहे है उस रेट पर ट्रेनों के बोगी के अंदर नहीं बेच रहे है. मनमाना रेट वसूल रहे हैं. पैकिंग के साथ भी छेड़छाड़ कर रहे हैं. सामान पर रेट लिस्ट न होने से यात्रियों को मजबूरन में मुंह बोले दामों पर खरीदना पड़ रहा है. यह खुलासा शनिवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन के दौरान हुआ. बेचने वाले वेंडर ने कैमरे के आगे अपनी गलती तक मानी. वहीं स्टाल मालिक जल्दीबाजी में स्लिप न लगाने का बहाना बनाता रहा. रविवार को भी यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में वेंडर की मनमानी दिखाई दी.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट का स्टॉल है। इनके स्टॉल पर ओडीओपी के उत्पाद हैं। इनमेंं पेठा-रबड़ी की मांग सबसे अधिक है। इसकी पैकिंग भी यहीं से होती है। रेलवे नियम के अनुसार किसी भी बेचने वाले प्रोडक्ट पर रेट और सामान का वजन तक लिखा होना चाहिए। ताकि यात्री के मन में कोई कंफ्यूजन न हो। मगर इनके स्टाफ न वजन लिख रहे है और न ही रेट लिस्ट लगा रहे है। बिना रेट लिस्ट लगाए धड़ल्ले से सामान को बेच रहे हैं। इतना ही नहीं रेलवे अफसरों के निरीक्षण के दौरान पकड़े न जाएं इसलिए कुछ सामानों के ऊपर रेट लिस्ट लगाकर स्टॉल पर रख हुये है। जबकि इनके स्टाफ बिना रेट लिस्ट वाले पैकिंग को छुपाकर नीचे रख रहे है। स्टाफ के पास एक नंबर प्लेटफार्म पर ही बेचने की अनुमति मिली है लेकिन घूम-घूम कर स्टाफ सभी प्लेटफार्म पर बेच रहे है।
ट्रेन की सूचना पर हो जाते हैं एक्टिव
प्लेटफार्म नंबर नौ और दस पर जैसे ही ट्रेन आने की सूचना मिलती है। वैसे ही बिना रेट लिस्ट वाले सामानों को लेकर दौड़ पड़ते है। शनिवार को भी ऐसा ही हुआ। वहां से पहले मौजूद रिपोर्टर ने इनके कारनामों को मोबाइल में कैद भी किया। जैसे ही लोकमान्य से रांची जाने के लिए ट्रेन आई वेंडर बिना रेट लिस्ट के पेठा-रबड़ी लेकर पहुंचा। गले में आई-कार्ड जरूर था। पूछने पर बताया कि
रेलवे ने वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट बेचने की अनुमति दी है। सामान बहुत अच्छा है।
तो इस तरह से मिला जवाब।

बातचीत का अंश
रिपोर्टर - रेट लिस्ट तो लगा नहीं है
स्टाफ - आईकार्ड देख लीजिए कोई बाहरी नहीं हूं
रिपोर्टर - इसपर वजन भी नही लिखा है आखिर है कितना
स्टाफ - वजन बिल्कुल सही है
रिपोर्टर - जितना वजन बता रहे हो उतना लग नहीं रहा है
स्टाफ - पेठा चालीस और तीस का रबड़ी है

बोगी के अंदर बातचीत का अंश
रिपोर्टर - रबड़ी का क्या रेट है
स्टाफ - पेठा लीजिए या रबड़ी सब चालीस का है
उठाते हैं फायदा
बता दें यात्रियों को जानकारी न होने के चलते वेंडर द्वारा बताई गई बातों पर ही भरोसा करना पड़ता है। सामानों पर स्लिप न लगे होने से उन्हें वजन की भी जानकारी नहीं हो पाती।
रेलवे द्वारा निर्धारित रेट
पेठा-
रबडी़-
बोगी में यात्रियों से लिया जा रहा

Posted By: Inextlive