समाज में खाकी वर्दी की इमेज बहुत अच्छी नहीं मानी जाती. कोई उन्हें घूसखोर तो कोई निर्दयी आदि नामों से पुकारते हैं. लेकिन क्या आपको पता है सिस्टम में अच्छे लोग भी हैं. आज हम एक ऐसे शानदार पुलिसवालों की कहानी बताने जा रहे हैं जो दूसरों को संबल तो देते हैं गरीबों की आर्थिक मदद भी करते हैं. उनकी मदद कर उनके जीवन की राह का आसान बनाते हैं. झूंसी इंस्पेक्टर व कांस्टेबल एक दो दिन पूर्व एक बेसहारा वृद्धा के लिए उसके अपने बन गए. मंगलवार को शाहगंज और हंडिया थाने की पुलिस की भी इंसानियत पब्लिक के बीच चर्चा का विषय बन गई. पुलिस और पुलिसिंग के चेंज होते इस मिजाज की तारीफ करते पब्लिक नहीं थक रही.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रयागराज रेलवे स्टेशन व टैंपो स्टैंड समेत कई जगह छोटे-छोटे बालक भीख मांग रहे थे। गंदे कपड़े और नंगे पांव इन बच्चों को हाथ फैलाते देख शाहगंज इंस्पेक्टर भरत कुमार के दिल द्रवित हो गया। वह बीट के सिपाहियों और एंटी रोमियो टीम को स्टेशन चौराहा बुलाए। यहां भीख मांग रहे करीब 13 ऐसे बच्चों को वह पकड़वाए। इसके बाद वे उन्हें लेकर थाने पहुंचे। थाने पर सभी को कॉपी, किताब व स्कूल बैग एवं बिस्किट, टॉफी आदि दिए। साथ ही बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर उन्हें निर्देश दिए कि वे इन्हें पास के सरकारी स्कूल भेजे। यह सब पाकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान थिरकने लगी तो उनके परिजन पुलिस को दुआएं देते रहे।

विक्षिप्त को पुलिस बनाई जेंटल मैन

हंडिया थाने की पुलिस ने भी एक विक्षिप्त को जेंटल मैन बनाकर लोगों का दिल जीत लिया। दरअसल दोपहर करीब दो गजे गश्त पर जा रहे इंस्पेक्टर बृजेश सिंह की नजर रोड किनारे एक गंदे कपड़े व बाल में बैठ कर जमीन पर रोटी रखकर खा रहा था। उसे जमीन पर रोटी रखकर खाते देख इंस्पेक्टर ने गाड़ी रोक दिया। वह उसकी तरफ बढ़े तो सभी को लगा कि इंस्पेक्टर विक्षिप्त के पास क्यों जा रहे। मगर, जब वह उसके पास पहुंचे और पूछे तो वे अपना नाम राम सनेही के सिवाल कुछ नहीं बता पा रहा था। इस पर वह नाई बुलाए और उसका बाल दाढी बनवाने के बाद साबुन सैम्पू से स्नान करवाए। इसके बाद खरीद कर लाए गए नए कपड़े को पहनाकर होटल से बढिय़ा खाना मंगवा कर खिलाए। हंडिया पुलिस का यह इस इंसानियत भरा काम देखते ही देखते चर्चा का विषय बन गया।

Posted By: Inextlive