इस परिवार को कभी गिरफ्तार नहीं कर सकी पुलिस
प्रयागराज (ब्यूरो)। बसपा विधायक रहे राजू पाल की 2005 में 25 जनवरी को धूमनगंज के सुलेमसराय में हत्या की गई थी। कत्ल उस वक्त हुआ था जब वह एसआरएन हॉस्पिटल से होकर दो गाडिय़ों के साथ घर नीवां लौट रहे थे। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठा था। विधायक की हत्या के बाद सुलेमसराय ही नहीं, पूरे जिले में आक्रोश की चिंगारी भड़क उठी थी। यही वजह घटना है जिसके बाद माफिया अतीक अहमद व उनकी फेमिली के सितारे गर्दिश में आ गए। विधायक राजू पाल की पत्नी द्वारा धूमनगंज थाने में सपा सांसद रहे अतीक अहमद, उनके छोटे भाई अशरफ, करीबियों फरहान, आबिद, रंजीत पाल, गुफरान समेत नौ लोगों को नामजद किया गया। घटना के चार महीने पूर्व 2004 अक्टूबर महीने में हुए उप चुनाव में शहर पश्चिमी से अशरफ को राजूपाल के साथ पराजय का मुंह देखना पड़ा था। सारे के सारे आरोपित उस वक्त अंडर ग्राउंड हो गए थे। उस वक्त पुलिस का रुख काफी सख्त था लिहाजा अतीक अहमद खुद अपनी गिरफ्तारी दे दिए। गिरफ्तार किए गए अतीक अहमद को देवरिया जेल में रखा गया था। कई साल तक अंडर ग्राउंड रहे अशरफ पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित हुआ। फिर भी वह पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था। वर्ष 2020 में कौशाम्बी के हटवा स्थित ससुराल से अशरफ द्वारा खुद नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी दी गई थी।
उमर और अली भी नहीं आए हाथ
देवरिया जेल कांड में अतीक के बेटे उमर के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ। इसके बाद से अंडर ग्राउंड हुआ उमर को पुलिस आज तक नहीं पकड़ सकी थी। इस घटना की जांच सीबीआई के पाले में पहुंची तो उमर पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया।
दो लाख रुपये का इनामी उमर की तलाश में नाकाम पुलिस हवा में हाथ पांव मारती रही। मंगलवार को उमर खुद से सीबीआई कोर्ट लखनऊ में सरेंडर कर दिया। मतलब यह कि दो लाख के इनामी उमर को भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी।
हाल ही में माफिया अतीक के छोटे भाई अली अहमद पर भी ताबड़तोड़ रंगदारी सहित अन्य धाराओं में मुकदमें हुए।
अपराध के बोझ से दबा अली भी अंडर ग्राउंड हो गया था। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम पुलिस द्वारा घोषित किया गया।
फिर भी जिले की पुलिस उसे खोज नहीं पा रही थी। पिछले महीने 30 जुलाई को अली भी खुद ही प्रयागराज कोर्ट में जाकर सरेंडर किया था।
हालात गवाह हैं कि माफिया अतीक अहमद फेमिली के एक भी वांटेड एक भी मेंबर को योगी सरकार की पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी।
इस स्थिति को लोग पुलिस व पुलिस विभाग के अफसरों की नाकामी के रूप में देख रहे हैं।
विधायक राजू पाल मर्डर केस में खुद पकड़े जाने के बाद माफिया अतीक अहमद को पुलिस द्वारा देवरिया जेल भेजा गया था। लखनऊ के आलमबाग निवासी रियलस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल द्वारा कृष्णा नगर कोतवाली में देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद व उसके बेटे उमर सहित कुल 12 नामजद लोगों पर केस दर्ज कराया गया था। आरोप था था कि उमर व अन्य आरोपित कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण करके देवरिया जेल ले गए। जहां उनकी पिटाई के बाद पांच कंपनियों को अतीक के नाम करने का दबाव बनाया गया। इसी मामले में अंडर ग्राउंड नामजद अतीक के बेटे उमर पर की तलाश पिछले कई साल से चल रही थी। जो लखनऊ सीबीआई कोर्ट में मंगलवार को सरेंडर किया।