जगह और फंड भी है बस इच्छाशक्ति की जरूरत
पिंक टॉयलेट के मुद्दे पर व्यापारियों, एनजीओ और पब्लिक ने दिए सुझाव
कहां बन सकते टॉयलेट, डिबेट में आया सामने दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ऑफिस में चर्चा के दौरान व फोन कर पब्लिक ने नगर निगम के अधिकारी से पूछे सवालअब बहाना नहीं चलेगा। जगह भी तैयार है, फंड भी मौजूद है। बस इच्छाशक्ति की जरूरत है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट द्वारा शनिवार को पिंक टॉयलेट को लेकर आयोजित च्एक्सक्यूज मी, वेयर इज माई टॉयलेटच् चर्चा में समाजसेवी और व्यापारियों ने अपने सुझाव दिए। इसके साथ ही पब्लिक ने कॉल कर के अधिकारियों से अपने हक के बारे में सवाल पूछा। शहर में आखिर क्यों नहीं बन पा रहे पिंक टॉयलेट? इस बड़ी समस्या के लिए कौन है जिम्मेदार ? चर्चा में यह बात निकलकर आई। शहर के प्रमुख बाजारों में किस जगह पिंक टॉयलेट बन सकते हैं। इस पर भी चर्चा हुई। सुझाव में सामने आया कि नगर निगम और पीडीए चाहे तो टायलेट बनवा कर महिलाओं को बड़ी राहत दे सकते हैं। चर्चा में यह बात सामने आई कि पहले विभागों ने प्रयास किए लेकिन नगर निगम और पीडीए के बीच सामंजस्य नहीं होने के कारण पिंक टॉयलेट नहीं बन सका। फिलहाल जनता दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के साथ है और इस बार सभी महत्वपूर्ण जगहों पर पिंक टॉयलेट बनवाने के लिए कृत संकल्पित है।
गंदे टॉयलेट होने पर इस नंबर कर दें सूचनादैनिक जागरण आई-नेक्स्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम च्एक्सक्यूज मी, वेयर इज माई टॉयलेटच् चर्चा में व्यापारियों, समाजसेवी, एनजीओ के साथ कॉल कर पब्लिक ने सवाल पूछा। लगभग पब्लिक का एक जैसा ही सवाल था। कुछ जगहों पर टॉयलेट बने हैं। वहां साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। टॉयलेट बनवाना दूर की बात। इस पर नगर निगम के साथ जुड़कर काम कर रहे लायन प्रयागराज कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ऑपरेशन मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि अगर सिटी के अंदर बने 103 टॉयलेट कहीं भी खराब व गंदा दिखाई पड़ता है तो पब्लिक टोल फ्री नंबर 18001032590 पर कॉल कर सूचित कर सकती है। जल्द ही इन नंबरों को टॉयलेट के बाहर चस्पा कर दिया जाएगा। हालांकि ज्यादातर जगहों पर चस्पा है। अधिकारियों की माने तो पब्लिक द्वारा पोस्टर लगाकर ढक दिये गए हैं। वहीं फोन कर महिलाओं ने सवाल किया आखिर हाउस से लेकर जल टैक्स इतना महंगा देते हैं। बावजूद महिलाओं का हक नहीं मिल रहा है। पिंक टॉयलेट महिलाओं का अधिकार है। कुछ अधिकारी इस चर्चा में शामिल होने से बचते रहे तो वहीं जिम्मेदार अधिकारी जनता को जरूरत वाले जगहों पर टॉयलेट बनाने के लिए बातचीत व पत्र ऊपर के अधिकारियों को भेजने का हवाला देते रहे।
मेयर का फोन काल रहा व्यस्त टॉयलेट के मुद्दे पर चर्चा के दौरान मेयर का फोन काल व्यस्त रहा। पब्लिक के काल पर उनके पीआरओ ने बताया कि मैडम एक स्कूल के कार्यक्रम में जा रही हैं। इस दौरान दूसरे पब्लिक ने भी कॉल कर सवाल पूछने की कोशिश की लेकिन उनके पीआरओ मेयर के व्यस्त होने का हवाला देते रहे। टॉयलेट का मुद्दा बड़ा है। पब्लिक और व्यापारियों के साथ-साथ समाजसेवियों ने जो सुझाव रखे हैं। उस पर उच्चधिकारियों से बातचीत की जाएगी। सरकारी कार्यालय के अफसर भी जगह के लिए एक पत्र भेज दें ताकि वहां सर्वे कराने के बाद टॉयलेट बनवाया जा सके। - उत्तम कुमार वर्मा, एनवायरमेंट अफसर नगर निगम खुसरो बाग के आसपास बहुत सी जमीन नगर निगम की है। जब नगर निगम खुद अपनी जगह पर टॉयलेट नहीं बनवा सकता तो पब्लिक कहां से अपनी जमीन देगी। इनके अंदर इच्छाशक्ति की कमी है। जिस दिन आ जाएगा। उस दिन बन जाएगा। मंजू पाठक, महिला अधिकार संघठन अध्यक्षपब्लिक पानी और हाउस टैक्स जमा करती है। बावजूद उसे मूलभूत सुविधाओं में टायलेट न होने की कमी खलती है। हर पॉश एरिया में नगर निगम के पास जगह है। अगर नहीं भी है तो पीडीए से बातचीत करें। उनसे जगह लेकर या फिर परचेस करके लें। जब इनके पास करोड़ों का बजट है। तब यह आलम है। बजट तो टॉयलेट के लिए ही है। खरीदकर कर भी बनवाया जा सकता है। इरादा ही नहीं है बनवाने का।
बृजराज तिवारी, व्यापारी यूनिवर्सिटी रोड पर टॉयलेट की सबसे ज्यादा जरुरत है। क्योंकि इस रोड पर विद्यार्थियों के अलावा अन्य लोगों का सबसे ज्यादा आवागमन रहता है। एक मनमोहन पार्क चौराहे के पास बना भी है तो बिल्कुल गंदा रहता है। जबकि हर व्यक्ति शुल्क देने को तैयार है। इसके बगल में कूड़े का ढेर लगा रहता है। इसे दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाए तो बेहतर होगा। इस स्थान पर महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बनवाया जा सकता है। यह सब काम नगर निगम ही कर सकता है। नाजिया नफीस समाजसेवी, अल कौसर सोसायटीकटरा मार्केट में रोजाना हजारों महिलाएं शॉपिंग के लिए आती हैं। इस एरिया में टॉयलेट बनाने के लिए नगर निगम के साथ पीडीए को भी आगे आना पड़ेगा। हालांकि यह दोनों कभी एक साथ नहीं आ सकते हैं। जिस दिन दोनों एक साथ मीटिंग करेंगे। समस्या का हल निकल जाएगा। व्यापारियों के सहयोग देने में कोई कमी आये तो बुलाकर बैठक कर लें।
प्रमोद अरोड़ा उर्फ मोदी, कटरा व्यापार मंडल अध्यक्ष चौक एरिया में संजय गंाधी मार्केट है। जहां दो या तीन टॉयलेट बना है। आज की डेट में बंद पड़े हैं। आखिर क्यों ? पानी तक नहीं आता है। इसको नगर निगम और पीडीए चाहे तो चालू करवा सकता है। अगर इसे शुरू कर दिया जाए तो महिलाओं को राहत मिलेगी। लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। सिर्फ पब्लिक को गुमराह किया जाता है। शारदा भवन भी सरकारी है। उस जगह पर भी टॉयलेट बनवाया जा सकता है। - उमेश केसरवानी, व्यापारी हाईकोर्ट एरिया के पास पर्याप्त टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। जो है भी साफ-सफाई के अभाव में इस्तेमाल के लायक नहीं है। एक टोल फ्री नंबर होना चाहिये। जो टॉयलेट के बाहर लिखा हो। ताकि गंदे टॉयलेट के बारे में शिकायत की जा सके। कोर्ट के अंदर बड़ी संख्या में महिलाएं आती हैं, जिनमें वकील भी हैं। इस एरिया में सार्वजनिक टॉयलेट के साथ महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट की व्यवस्था होनी चाहिये। पब्लिक नॉर्मल शुल्क देने को तैयार है। बस साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। अभिषेक चौहान, लोक उन्नति समिति समाजसेवी