एसएसपी ने पब्लिक के फोन से झूंसी एसओ के सीयूजी पर लगायी पांच बार कॉल एक बार भी नहीं उठा फोनझूंसी एसओ यशपाल सिंह किए गए लाइन जाजिर वैभव सिंह को मिली जिम्मेदारीपुलिस विभाग में सीयूजी नंबर पर आने वाली कॉल को रिसीव नहीं करना ज्यादातर थाना प्रभारियों व कई अफसरों की आदत बन गई है. वह उसी कॉल को अटेंड करते हैं जिनके नंबर नाम से मोबाइल में फीड होते हैं. यह आदत गुरुवार को झूंसी थाना प्रभारी को महंगी पड़ गयी. एसएसपी ने एक कॉमनमैन का फोन लेकर पांच बार कॉल की लेकिन न तो खुद एसओ ने फोन उठाया और और न ही उनके किसी सबआर्डिनेट ने कॉल को अटेंड किया. इसके बाद एसएसपी ने अपने नंबर से कॉल किया तो एसओ की तरफ से जवाब दिया गया कि नंबर सेव नहीं था इसलिए कॉल रिसीव नहीं की गयी. एसएसपी ने एसओ झूंसी यशपाल सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर करके उनके स्थान पर एसओजी प्रभारी रहे वैभव सिंह को झूंसी एसओ तैनात कर दिया.


प्रयागराज (ब्यूरो)। गुरुवार को एसएसपी अपने ऑफिस में पब्लिक की शिकायतें सुन रहे थे। वह खुद एक-एक के पास जाकर समस्या पूछ रहे थे। इसी में एक व्यक्ति झूंसी का रहने वाला था। उसने अपने समस्या बतायी तो एसएसपी ने पूछ लिया आपने एसओ से बात की। जवाब मिला कि वह तो फोन ही नहीं उठाते। इस पर एसएसपी ने उसी का फोन ले लिया और झूंसी एसओ के सीयूजी नंबर पर कॉल लगा दी। इसके बाद शिकायत प्रकोष्ठ में तैनात दरोगा राम कुमार के प्राइवेट नंबर से कॉल लगवायी। लगातार पांच बार पूरी बेल जाने के बावजूद थाना प्रभारी तो दूर कोई हमराही तक फोन को रिसीव नहीं किया। एसएसपी की कॉल हुई रिसीव
थोड़ी देर बाद एसएसपी ने खुद अपने नंबर से कॉल किया। उनकी कॉल एक बार में रिसीव हो गयी। पूछने पर उन्होंने एसएसपी को बताया कि पूर्व में पांच बार जिस नंबर से कॉल आई वह थाने के सीयूजी में फीड नहीं था। इसीलिए फोन रिसीव नहीं हुआ। यह सुनते ही एसएसपी का पारा चढ़ गया। फटकार लगाते हुए उन्होंने एसओ यशपाल सिंह को लाइन में आमद कराने का आदेश दे दिया। दोपहर बाद ही उनकी जगह एसओजी प्रभारी रहे वैभव सिंह को झूंसी थाना का प्रभार सौंप दिया। एसएसपी ने अपने पीआरओ उप निरीक्षक अजय कुमार मिश्र को वरिष्ठ उप निरीक्षक थाना झूंसी बनाया गया है। झूंसी थाने में अतिरिक्त निरीक्षक रहे धर्मेंद्र कुमार यादव का ट्रांसफर विवेचना सेल कर दिया गया। इस कार्रवाई के साथ एसएसपी ने मातहतों को सख्त हिदायत भी दी है। कहा है कि सीयूजी मोबाइल में नंबर फीड हो या नहीं, आने वाली हर कॉल को रिसीव किया जाय। यदि थाना प्रभारी मीटिंग या किसी काम में व्यस्त हैं तो उनकी जिम्मेदारी है कि वह सीयूजी कॉल रिसीव करने के लिए किसी सिपाही या दरोगा को लगाएं।

हर मीटिंग में यह बात बताई जाती है कि हर हाल में सीयूजी पर आने वाली कॉल रिसीव होनी चाहिए। क्योंकि, कॉल करने वाला फरियादी ही होता है। उसकी समस्या क्या है, इसका पता कैसे चलेगा जब फोन ही नहीं उठेगा। यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।अजय कुमार एसएसपी प्रयागराज

Posted By: Inextlive