गंगापार के होलागढ़ क्षेत्र में बैठकर शहर तक स्मैक की हो रही सप्लाई का खुलासा होते ही सप्लायर ने फोन नंबर बंद कर लिया. दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने स्टिंग ऑपरेशन कर फोन कॉल पर स्मैक की डिलीवरी होने का खुलासा किया गया था. इस स्टिंग ऑपरेशन के दौरान जिस नंबर पर कॉल माल डिलीवरी करता था. उसके आगे के चार डिजिट छोड़ बाकि के छह डिजिट नंबर को खबर के अंदर प्रकाशित भी किया था. नंबर प्रकाशित होने के बाद भनक मिलते ही स्मैकिये ने नंबर स्विच ऑफ कर लिया है. यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि पुलिस महकमे ने कार्रवाई करने में भले ही ढीला रवैया अपनाया हो. लेकिन स्मैकिये पूरी तरफ से एक्टिव हो गए हंै. पुलिस की इसी कार्रवाई को लेकर दिनभर सोशल मीडिया पर लंबे समय से जमे एसओ और एक खास सिपाही की चर्चाएं तेज हो गई.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जिले के अंदर लंबे पैमाने पर बिक रहे स्मैक से वह परिवार ज्यादा दुखी है। जिनका घर बर्बाद हो गया है या फिर बर्बाद होते-होते बचा है। खबर प्रकाशित होने के बाद जब सोशल मीडिया पर न्यूज पेपर की कटिंग वायरल हुई तो लोग अपने-अपने में होने वाले स्मैक के बारे में जानकारी तक देने लगे। हर किसी का एक ही कहना था कि इस स्मैक ने उनके जानने वाले के कई घरों को बर्बाद होते देखा है। होलागढ़ क्षेत्र के रहने वाले तमाम लोगों का कहना था कि इस स्मैक के कारोबार से क्षेत्र महौल बिगाड़ रहा है। वहीं लंबे समय से जमे एसओ व एक चर्चित सिपाही को लेकर सवाल खड़े किए।

सबको पहुंचता है हिस्सा
सूत्रों की माने तो इस सूखे नशे के कारोबार से होने वाले फायदा सब तक बराबर पहुंचता है। इसलिए यह कारोबार पूर्णरूप से बंद नहीं हो पाता है। पुलिस भले ही छोटे-मोटे स्मैकियों को पकड़कर जेल भेजकर अपनी पीठ भले थपथपा लें। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। जब आम आदमी की तरह कॉल करने पर इतनी आसानी से स्मैक मिल जाये। ये अपने में ही सवालिया निशान है।

स्मैक के कारोबार करने वाले कुछ लोगों को अभी कुछ दिन पहले जेल भेजा गया है। इस कार्य में और और कौन लिप्त है। इसकी जानकारी अपने स्तर से जुटाई जा रही है।
अभिषेक अग्रवाल गंगापार एसपी

Posted By: Inextlive