जजों के नाम प्रस्ताव पर देशभर में बनाएंगे एक राय
प्रयागराज (ब्यूरो)। महासचिव सत्य धीर सिंह जादौन ने पत्रकारों को बताया कि कोलेजियम द्वारा सुप्रीम कोर्ट के प्रैक्टिनर का नाम जज के लिए प्रस्तावित किये जाने पर चर्चा के लिए देश के सभी उच्च न्यायालयों के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व महासचिव को आमंत्रित किया जायेगा। सेमिनार में विस्तृत विचार विमर्श के पश्चात प्राप्त निष्कर्ष को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के अलावा देश के सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से शेयर किया जायेगा। इसके जरिए न्यायमूर्तिगण की नियुक्ति में पारदर्शिता को बरकरार रखे जाने हेतु उचित निर्णय लेने हेतु दबाव बनाया जायेगा। प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद के संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष त्रिपाठी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के चार अधिवक्तागण का नाम कोलोजियम द्वारा न्यायमूर्ति हेतु प्रस्तावित किया जाने के विरोध में किया गया था। संचालन महासचिव सत्य धीर सिंह जादौन ने किया। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व अध्यक्ष आईके चतुर्वेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी सिंह, प्राणेश दत्त त्रिपाठी, अशोक कुमार सिंह, डॉ सीपी उपाध्याय, एसी तिवारी के अलावा कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी/सदस्यगण उपस्थित रहे।
क्यों कर रहे हैं विरोध
संविधान के अनुच्छेद 217 व सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित विभिन्न निर्णयों में यह व्यवस्था दी गयी है कि उच्च न्यायालय में विधि व्यवसायरत अधिवक्ता ही न्यायमूर्ति के लिए पात्र होगें।
हाई कोर्ट में विधि व्यवसायरत अधिवक्ता ही सम्बन्धित प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझते हुए एक बेहतर निर्णय दे सकता है।
हाई कोर्ट में विधि व्यवसायरत अधिवक्ता ही प्रादेशिक नियमों व कानूनों का बेहतर जानकार होता है जिसका लाभ वादकारियों को निश्चित रूप से मिलता है।
हाई कोर्ट की कोलोजियम द्वारा ऐसे अधिवक्तागण के नाम को न्यायमूर्ति के रूप में प्रस्तावित किया जाना, जिनके बारे में स्वत: कोलोजियम को जानकारी न रही हो, अनुचित है।
हाई कोर्ट की कोलोजियम द्वारा न्यायमूर्ति की नियुक्ति हेतु बाहर से आयातित नामों को प्रस्तावित किए जाने से नियुक्ति की पारदर्शिता प्रभावित होती है।
सरकारी ऑफिस शिफ्ट करने का विरोध
प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद, प्रयागराज सहित आसपास के जनपदों में निवास करने वाले आम-जनमानस को प्रभावित करने वाले प्रदेश सरकार के ऐसे निर्णय जिसमें मुख्य रूप से पुलिस मुख्यालय, महालेखाकार कार्यालय, माध्यमिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, उच्च शिक्षा सेवा आयोग, राजस्व परिषद सहित अनेक महत्वपूर्ण संस्थान का प्रयागराज से लखनऊ स्थानान्तरण का विरोध करती है। बार ने इसके खिलाफ बड़ा आन्दोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। मनोज कुमार मिश्र (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), नीरज कुमार त्रिपाठी, सुरेन्द्र नाथ मिश्र, धर्मेन्द्र सिंह यादव, सत्यम पाण्डेय, श्यामा चरण त्रिपाठी (उपाध्यक्षगण), संजय सिंह 'सोमवंशीÓ (संयुक्त सचिव, प्रशासन), यादवेश यादव (संयुक्त सचिव, लाइब्रेरी), आशुतोष त्रिपाठी (संयुक्त सचिव, प्रेस), ऊष्मा मिश्रा (संयुक्त सचिव, महिला), अरूण कुमार सिंह (कोषाध्यक्ष), पूजा सिंह, प्रियंका शर्मा, अन्नपूर्णा सिंह चन्देल, राखी कुमारी, अनुज कुमार सिंह, जितेन्द्र सिंह, दिलीप कुमार यादव, अनुराग शुक्ला, अभिषेक तिवारी, सैय्यद फैज हसनैन, अखिलेश कुमार शुक्ला, हरि मोहन केसरवानी, दीपांकर द्विवेदी, मानव चौरसिया एवं विक्रान्त नीरज (कार्यकारिणी सदस्यगण) सहित काफी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित रहे।