मां ने कहा था, 'मुठभेड़ में मारा गया तो बॉडी लेने भी नहीं जाएंगे
प्रयागराज ब्यूरो । सीसीटीवी फुटेज में उमेश पाल और उनके सरकारी गनर पर गोली चलाने वाले दिन गली की नुक्कड़ पर स्थित दुकान से निकलकर फायरिंग करने वाला मेरा बेटा गुलाम ही था। उसने टोपी पहन रखी थी। उसने पूरे परिवार को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है। पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई और वह मारा गया तो हम उसकी बॉडी लेने पोस्टमार्टम हाउस भी नहीं जाएंगे। ये बातें सोमवार 20 मार्च को रसूलाबाद में सालों पहले बनवाये गये मकान को पीडीए द्वारा ढहाये जाने की कार्रवाई को देखकर फफक पड़ी गुलाम की बूढ़ी मां ने कही थीं। इस मकान में तीन भाइयों का हिस्सा था। परिवार के लोगों ने सिर्फ गुलाम का हिस्सा गिराने की गुजारिश की लेकिन पीडीए ने पूरे मकान का निर्माण अवैध बताते हुए कार्रवाई रोकने से साफ मना कर दिया था। कार्रवाई के दौरान स्पॉट पर मौजूद रहे मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल हसन ने पीडीए की कार्रवाई का समर्थन किया था। मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल हसन ने कहा कि गुलाम की गतिविधियां पहले भी अच्छी नहीं थीं। इसलिए मकान में वह अलग रहा करते थे। परिवार घर के अंदर ही उनसे अलग रहते थे। सरकार इस मामले में जो भी कार्रवाई कर रही है, वह सही है।