माहे मोहर्रम का चाँद दिखने के साथ शुरू हो गया मजलिस मातम और अजादारी का दौरशिया समुदाय की औरतों व मर्दों ने रंगीन वस्त्र त्याग कर पहने काले लिबासजि़लहिज्जा की &0 शनिवार को माहे मोहर्रम के चाँद की तसदीक़ हो गई. इसी के साथ मुस्लिम बाहुल्य इलाक़ो में हजरत इमाम हुसैन सहित अन्य करबला के शहीदों की याद मे लोगों में शोक मनाने का सिलसिला शुरू हो गया. इमामबाड़ों में अलम ताबूत ताजिया तुरबत हजरत अली असगर का झूला आबिदे बीमार का बिस्तर आदि सजा कर मजलिस मातम और गिरया ओ ज़ारी का सिलसिला भी शुरू हो गया.


प्रयागराज (ब्यूरो)। अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया के प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक़ रविवार को पहली मोहर्रम से 67 दिवसीय अज़ादारी के बाद ही शिया समुदाय में किसी भी प्रकार के मांगलिक आयोजन होंगे। रविवार को पहली मोहर्रम पर प्रात: 7 बजे बख्शी बाज़ार इमामबाड़ा नाजिऱ हुसैन से मजलिस की शुरुआत हो जायगी जो रौशनबाग, अहमदगंज दायरा शाह अजमल, रानीमण्डी, दरियाबाद, चक जीरोरोड, पान दरीबा, यासीन गली, घंटाघर, सब्जीमंडी, गुड़मंडी, बताशामण्डी, शाहगंज, शाहनूर अलीगंज, करैली, करैलाबाग, दरियाबाद आदि में कदीमी कायमकर्दा इमामबाड़ो व अज़ाखानों में देर रात तक सिलसिलेवार होती रहेंगी। माहे मोहर्रम की पाँचवी को दरियाबाद मे इमामबाड़ा गुलज़ार अली खाँ उर्फ गुजा खाँ में मजलिस के बाद जऩजीरों का मातम होगा और छै मोहर्रम को रौशन बाग स्थित मरहूम मुस्तफा हुसैन के अज़ाखाने से दो विशाल अलम झूला व ताबूत का क़दीमी जुलूस भी निकलेगा जो बख्शी बाज़ार की गलियों में गश्त करते हुए अहमदगंज स्थित फूटा दायरा पर पहुँच कर समपन्न होगा। सात मोहर्रम को पान दरिबा से दुलदुल का जुलूस भी निकाला जायगा।

Posted By: Inextlive