नवीं मजलिस में करबला के शहीदों का किया जिक्र
शुक्रवार को मनाया जाएगा मोहर्रम, प्रशासन और पुलिस एलर्ट मोड में
माहे मोहर्रम की नवीं को बख्शी बाजार, अहमदगंज, रानीमण्डी, दरियाबाद, करेली, शाहगंज, घंटाघर सहित विभिन्न इमामबाड़ों में दस रोज के अशरे की नवीं मजलिस में मुख्तलिफ जाकिरों ने करबला के शहीदों का जिक्र किया। चक जीरो रोड इमामबाड़ा डीप्यूटी जाहिद हुसैन में मौलाना रजी हैदर ने करबला के नन्हे मुजाहिद हजरत अली असगर की हुरमुला द्वारा तीन मुंह के तीर से गला छेद कर शहीद करने का माíमक अन्दाज में वर्णन किया। मजलिस के बाद हजरत अली असगर का झूला व ताबूत हजरत अली अकबर निकाला गया। अन्जुमन हुसैनिया कदीम के बुजुर्ग नौहाख्वान शाह बहादर ने गमगीन नौहा पढ़ा तो हर ओर से आहो बुका की सदा गूजने लगी। फूल माला चढ़ाकर मांगी मन्नतेअकीदतमन्दों ने झूला अली असगर व ताबूत अली अकबर पर फूल माला चढ़ाते हुए मन्नत व मुरादें मांगी। झूले व ताबूत को इमामबाड़े के अन्दूरीनी हिस्से मे गश्त कराकर महिलाओं के बीच भी ले जाया गया। जहा महिलाओं ने नौहा और मातम किया। अन्जुमन हैदरिया रानी मण्डी के हसन रिजवी,सज्जाद अली सहित अन्य नौहाख्वानो ने शहर भर के इमामबाड़ो मे गश्ती करते हुए नौहे और मातम का नजराना पेश किया। मजलिस व मातम में गौहर काजमी,मंजर कर्रार, नजीब इलाहाबादी, अरशद नकवी, ताशू अल्वी, सै.मो.अस्करी,जामिन हसन, मुन्तजिर रिजवी, तय्याबैन आब्दी, अल्मास हसन, माहे आलम, शजीह अब्बा, रौनक सफीपुरी, हसन नकवी आदि शामिल रहे।
बता दें कि जिले में मोहर्रम का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। हालांकि कोविड गाइड लाइन के अनुसार जुलूस न निकालने का फैसला लिया गया है। त्योहार के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन एलर्ट रहा।