'शांतिÓ के रखवाले ही बन गये अशांति के अगुवा
प्रयागराज (ब्यूरो)। शुक्रवार को हुए अटाला कांड के बाद पुलिस ने इस घटना के साजिशकर्ता के तौर पर दो नाम प्रमुखता से उभरे हैं। पहला नाम है जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पम्प का। मोटर पम्प का कारोबारी होने के चलते उसकी टाइटिल ही पम्प हो गयी। जावेद समाज में सक्रिय होने के साथ ही पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के बीच भी सक्रिय था। उसके इसी गुण के चलते खुल्दाबाद थाने ने उसे पीस कमेटी में शामिल कर दिया था। यानी उसके ऊपर अपने एरिया में शांति बहाल रखने की जिम्मेदारी थी। शायद इसी के चलते गुरुवार को प्रशासन की धर्मगुरुओं के साथ हुई मिटिंग में भी वह पहुंचा था। रविवार को उसकी भूमिका को कांड के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार बताते हुए पीडीए ने उसका मकान भी ढहवा दिया। इसी जावेद ने गुरुवार को अफसरों के साथ मिटिंग के बाद सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था।
फैजल भी था शामिल
अटाला कांड की जांच में जुटी पुलिस के सामने पार्षद फैसल उर्फ फजल का नाम उकसाने वाले के रूप में उभरकर सामने आया है। उसके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी जा चुकी है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि फैसल का नाम भी पीस कमेटी में है। पुलिस अफसरों के साथ शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए हुई मिटिंग में वह भी शामिल बताया गया है। इस तरह के और नाम भी चर्चा में हैं। इन नामों की मौजूदगी क्रास चेक न हो पाने के कारण अभी इसे हम प्रकाशित नहीं कर पा रहे हैं।
चौंकाने वाला तथ्य अब यह है कि जब शांति के रखवाले ही अशांति फैलाने की गतिविधियों में इस बड़े लेवल पर इनवाल्व थे तो प्रशासन को इसकी भनक कैसे नहीं लगी।
क्या पुलिस ने इन्हें ट्रैकिंग पर नहीं डाला था।
सवाल तो अब यह भी खड़ा होता है कि क्या पीस कमेटी में शामिल किये गये लोगों की गतिविधियों को कभी क्रास चेक ही नहीं किया जाता।
क्रास चेक किया जाता था तो इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी।
पीस कमेटी का सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए गठित की गयी है
इसमें शामिल लोगों का पुलिस ने वेरीफिकेशन भी किया है या नाम पर यूं ही डाल दिये गये हैं
पत्थरबाजों के लगेंगे पोस्टर
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पिछले सालों में हुई उपद्रव की घटनाओं के बाद पुलिस ने उपद्रवियों का फोटो शहर में लगाने की कार्रवाई की थी ताकि उन्हें कोई भी पहचान सके। अटाला कांड के बाद भी पुलिस ऐसा ही करने की तैयारी में है। पुलिस का मकसद है कि हर उपद्रवी पत्थरबाज को पकड़ा जाये और फिर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाय। इसलिए पुलिस घटना के दिन बने सभी फुटेज कलेक्ट करने में लगी हुई है। ये फुटेज चाहे सीसीटीवी कैमरे के हों या फिर पब्लिक की तरफ से तैयार वीडियो हो।
अटाला में बवाल के दौरान सरकारी संपत्ति, पुलिस के वाहनों के साथ ही स्थानीय लोगों के मकान, दुकान और वाहन को भी नुकसान पहुंचाया गया था। पथराव से तमाम लोगों के घर की खिड़कियों में लगे शीशे भी टूट गए थे। आइजी डा। राकेश कुमार ङ्क्षसह का कहना है कि जिनका नुकसान हुआ है, वह लोग भी एफआइआर दर्ज करा सकते हैं। अभी तक किसी शख्स ने शिकायत नहीं दी है। जबकि, रेस्टोरेंट, खानपान की दुकान, कार और बाइक को जलाने और तोडफ़ोड़ की घटना हुई थी।