टूटे शीशे पर कागज व गमछा डालकर ठंड में हो रहा सफर
प्रयागराज (ब्यूरो)। दिसंबर माह में ठंड जोरों पर है। रोडवेज की ज्यादातर बसों की हालत खस्ता है। खस्ताहाल बसें सड़क पर दौड़ रही है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के रियलिटी में कानपुर रोड, गोरखपुर और वाराणसी रूट पर चलने वाली आठ बसें ऐसी मिली। जिनके शीशे टूटे थे। यात्रियों की सीट के साथ ही ड्राइवर सीट के शीशे भी टूटे थे। वहीं तीन बसें ऐसी मिली। जिनमें सर्द हवा से बचने के लिए कागज चिपका गया था। वाराणसी रूट पर चलने वाली एक बस के ड्राइवर सीट का शीश टूटा होने पर गमछा डाला गया था। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर से नाम न छापने पर ड्राइवर ने बताया कि टूटे शीशे के बारे में कई बार शिकायत किया जा चुका है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। दिन में किसी तरह से बस चलाया जा रहा है। रात में हिम्मत तक नहीं होती है। ठंडी हवा रोकने के लिए गमछा भी पूरी तरह से काम नहीं आ रहा है।
रोडवेज की बस पर बैठक गोरखपुर से प्रयागराज आए है। बस की हालत ऐसी है कि खिड़कियों से हवा आती है। ठंड की वजह से सफर पूरा करना मुश्किल हो गया।वर्जन - रवि, यात्री
सर्द हवा से बचने के लिए साथ कंबल लेकर चलना पड़ रहा है। पैसा देने के बाद यात्रियों के सुविधाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जो शीशे लगे भी है। उनमें से कुछ जाम है।
वर्जन - राजेश, यात्री
सुनील सिंह, यात्री (अधिवक्ता हाईकोर्ट) कई बार टूटे शीशे व बसों का खस्ताहाल देखकर बस पर चढऩे के बाद उतरना पड़ता है। इन टूटे शीशों से आनी वाली ठंडी हवा यात्रियों के लिए जानलेवा भी बन सकती है। एक बार टूटे शीशे में सफर किया सिरदर्द हो गया।
प्रतीक पांडेय, यात्री
रोडवेज उन्हीं बसों का संचालन करता है, जिनकी स्थिति ठीक होती है। लगभग सभी बसों में व्यवस्थाएं दुरुस्त है। जिनमें दिक्कतें आती है उनको तुरंत ही सही कराया जाता है।
सीबी राम वर्मा, एआरएम सिविल लाइंस डिपो