किराए पर रहकर कर रहा था प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी

प्रयागराज ब्यूरो ।जएक प्रतियोगी छात्र ने रात में चचेरे भाई से मोबाइल पर बात की। इसके बाद फांसी लगा ली। शनिवार सुबह कई बार फोन लगाने पर भी जब छात्र ने कॉल रिसीव नहीं किया तो चचेरा भाई परेशान हो गया। वह कमरे पर पहुंचा। दरवाजा अंदर से बंद था। धक्का देकर दरवाजा खोला तो अंदर छात्र फांसी पर झूल रहा रहा था। छात्र की मौत की खबर घर पहुंंची तो कोहराम मच गया। भदोही से रोते बिलखते परिजन दारागंज पहुंचे। पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया। घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस मोबाइल से घटना का क्लू तलाशने की कोशिश कर रही है।

15 दिन पहले आया शहर तैयारी करने

भदोही के कोइराना थाना क्षेत्र के बेरवा पहाड़पुर के रहने वाले शिवपूजन पांडेय ड्राइवर हैं। शिवपूजन प्राइवेट गाड़ी चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। शिवपूजन के दो बेटों में छोटा मोनू पांडेय (२०) प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना चाहता था। मोनू ने दारागंज में सुशील चौरसिया के मकान में एक कमरा लिया। करीब पंद्रह दिन पहले मोनू किराए के कमरे में शिफ्ट हुआ।

चचेरे भाई से हुई फोन पर बात
मोनू का चचेरा भाई गणेश रिप्रेजेंटेटिव है। वह रोज गांव से शहर आता जाता है। मोनू ने कमरा लिया तो वह अपनी बाइक दारागंज में मोनू के कमरे पर खड़ी करने लगा। शाम को वह बाइक खड़ी करके ट्रेन से गांव चला जाता था, सुबह आकर बाइक लेकर अपना काम करता था। शुक्रवार रात में मोनू से चचेरे भाई गणेश की बात हुई। शनिवार सुबह गणेश ने मोनू को फोन किया। मगर मोनू ने कॉल रिसीव नहीं किया। कई बार कॉल रिसीव नहीं होने पर गणेश परेशान हो गया। गणेश कमरे पर पहुंचा। दरवाजा बंद था। गणेश ने कई बार धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर कमरे में गमछे के फंदे पर मोनू लटकर रहा था। गणेश यह देख चीख पड़ा। उसका रोना बिलखना सुन अगल बगल के लोग आ गए। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। जानकारी मिलने पर रोते बिलखते परिजन शहर रवाना हो गए।
पुलिस ने ली कमरे की तलाश
पुलिस के मुताबिक कमरे की तलाशी ली गई। गणेश ने पुलिस को बताया कि रात में फोन पर मोनू से बात हुई थी। सुबह कॉल रिसीव नहीं होने पर वह कमरे पर पहुंचा तो मोनू फांसी पर लटक रहा था। तलाशी के बाद भी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। जिससे फांसी लगाने का कारण पता नहीं चल सका। वहीं घरवाले भी कोई कारण नहीं बता सके।
छात्र पंद्रह दिन पहले प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आया था। रात में उसकी चचेेरे भाई से मोबाइल पर बात हुई थी। चचेरा भाई भी घटना का कोई कारण नहीं बता सका। कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला।
आशीष सिंह भदौरिया, इंस्पेक्टर दारागंज

Posted By: Inextlive