डिप्रेशन और मैनिया जैसी बीमारी के जन्म लेने से बढ़ रही हैं सुसाइड की घटनाएंइस महीने बीस दिन में करीब 16 लोगों द्वारा किया गया सुसाइड बना चिंता का विषयमौसम में अचानक हुआ चेंज दिमाग का संतुलन डिस्टर्ब कर रहा है. इसका प्रभाव लोगों में डिप्रेशन और मैनिया जैसी बीमारी को जन्म दे रहा है. इस बीमारी में नहीं संभल पाने वाले लोग सुसाइड की तरफ बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि जिले में इन दिनों सुसाइड के केस बढ़ गए हैं. लगातार हो रही सुसाइड की घटनाओं को देखते हुए मनोचिकित्सकों ने लोगों को सतर्क किया है. ऐसे मौसम में खुद के साथ परिवार के लोगों की मनोदशा को लेकर भी सतर्क रहने की जरूरत है. वह कहते हैं हैं कि छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रहकर लोग अपनों को सुसाइड से बचा सकते हैं.

प्रयागराज (ब्यूरो)। इस महीने बीस दिनों के भीतर करीब 16 लोगों के द्वारा किए गए सुसाइड की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें महिलाएं और पुरुष ही नहीं बालक व बालिकाएं भी शामिल हैं। ज्यादा सुसाइड की घटनाएं फांसी लगाकर की गई है। कुछ यमुना ब्रिज से कूदकर तो कईयों ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दिया। अचानक बढ़ी सुसाइड की घटना को देखते हुए मनोचिकित्सक कारण की तलाश में जुट गए। इसके बाद चिकित्सकों ने पाया कि सुसाइड की बढ़ती घटना के पीछे मौसम का बड़ा रोल है। अचानक मौसम में हुए बदलाव का असल लोगों के दिमाग पर पड़ रहा है। इसके प्रभाव से डिप्रेशन और मैनिया जैसी खतरनाक बीमारियां

ऐसे अपनों की बचाइए जिंदगी

जन्म ले रही हैं। इस स्थिति में नहीं संभल पाने वाले लोग छोटी-छोटी बातों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे और सुसाइड कर ले रहे हैं।

बाक्समनोचिकित्सक कहते हैं कि परिवार या दोस्त थोड़ी सी समझदारी व सतर्कता दिखाकर अपनों को सुसाइड से बचा सकते हैं। यदि कोई अचानक चिड़चिड़ा हो गया हो या फिर डिप्रेशन में चला गया हो तो उसे नजरंदाज नहीं करें। बल्कि उसके सामने कोई नकारात्मक बात करना बंद कर दें। साथ ही उसके सामाने ऐसी बातें नहीं करें जिससे उसे गुस्सा आए। किसी बात को इस लहजे में कहें कि ऐसे व्यक्तियों को बुरा नहीं लगे। कहते हैं कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें इस मौसम में गुस्सा अधिक आता है। यह गुस्से उनके माइंड की पाजिटिव थॉट को निगेटिव में कनवर्ट कर देता है। यह स्थिति भी सुसाइड का कारण बन जाता है।

इस महीने हुई सुसाइड की घटनाएं
04 मार्च
करेली थाना क्षेत्र के नयापुरवा मोहल्ले में महिला देवी ने फांसी लगाकर सुसाइड की
07 मार्च
को आशा एण्ड कंपनी के मालिक प्रवीण मालवीय ने घर में फांसी लगाकर सुसाइड किया
13 मार्च
कर्नलगंज कचहरी रोड निवासी फूलपुर सांसद की चचेरी बहू कोमल जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड की
19 मार्च
शहर के गोविंदपुर मोहल्ले के शोफली भारतीय ने फांसी लगाकर सुसाइड किया
19 मार्च
पूरामुफ्ती एरिया के तिलगोटी गांव में जहरीला पदार्थ खाकर बबलू सुसाइड किया
19 मार्च
करछना के रिठइया गांव में अरविंद पांडेय नैनी पुल से कूद कर सुसाइड किया
19 मार्च
शंकरगढ़ के गढ़वा गांव स्थित कटरा मजरा में शीतला देवी जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड की
20 मार्च
सरायममरेज थाना क्षेत्र स्थित सेमरी गांव में बालिका काजल ने फांसी लगाकर सुसाइड की
18 मार्च
पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र मंदरा मदारी गांव में बदलू व उसकी पत्नी किरन ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड किया
18 मार्च
कर्नलगंज में विष्णु बिहारी ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था
18 मार्च
झूंसी थाना क्षेत्र स्थित हबीबपुर गांव निवासी ब्रम्हदेव पटेल ने फांसी लगा कर सुसाइड किया
18 मार्च
झूंसी थाना क्षेत्र के हवेलिया निवासी प्रखर श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर सुसाइड किया
12 मार्च
शहर के दारागंज निवासी शानू ने यमुना नदी के नए बृज से कूद कर सुसाइड किया
13 मार्च
शहर के शोहबतियाबाग नीतू वर्मा फांसी लगाकर तो बहन प्राची वर्मा ने हंडिया स्थित नदी में कूद कर सुसाइड की थी


मौसम में बदलाव का असर माइंड और वैचारिकता पर भी पड़ता है। इसके प्रभाव से कुछ लोगों के दिमाग में निगेटिविटी ज्यादा जन्म ले लेती है। इस वजह से ऐसे लोग डिप्रेशन में आकर गुस्सा ज्यादा करने लगते हैं। नहीं संभल पाने की वजह से सुसाइड कर लेते हैं।
डॉ। राकेश पासवान, मनोचिकित्सक

Posted By: Inextlive