स्टूडेंट्स का दोस्त बना गु्रप 'कमरा खाली है
प्रयागराज (ब्यूरो)। फेसबुक पर 'कमरा खाली है गु्रपÓ नाम से बना यह गु्रप पेज, बाहर से आए स्टूडेंट्स के लिए अ'छा दोस्त साबित हो रहा है। जी हां जो न दिखता है और न ही मिलता है। रहने के लिए रूम, बेड, पंखे, कूलर, किताब, कॉपी से लेकर पार्ट टाइम जॉब दिलाने तक में यह मददगार बनकर उसकी मदद करता है। यदि आप अकेले हैं और रूम पार्टनर की जरूरत है तो इसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आपको रूम पार्टनर तक मिल जाएगा। इतना ही नहीं इस गु्रप में जुड़े सभी लोग एक परिवार की तरह है। यहां से पढ़ाई व तैयारी पूरी करने के बाद यहां से चले गए स्टूडेंट्स आज भी इस गु्रप से जुड़े हुये है।
विद्यार्थी समस्या समाधान के नाम से भी जानते है लोग
इस गु्रप को बनाने वाले संदीप कुशवाहा बताते है कि वह भी एक प्रतियोगी छात्र है। यह गु्रप अक्टूबर 2018 में बनाया और आज 50 हजार से 'यादा छात्र इस गु्रप के मेंबर हैं। इसे विद्यार्थी समस्या समाधान के नाम से भी जानते हैं। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट संदीप ने बताते है कि वह तीन साल पहले जब गांव से प्रयागराज शहर आए तो यहां वह बिल्कुल नए थे। रूम की तलाश में कई दिन बीत गए। कभी स्टेशन पर रोकना पड़ा तो कभी कटरा स्थित पार्कों पर रात गुजारना पड़ा। उनकी उस वक्त आर्थिक स्थिति भी कुछ ठीक नहीं थी। हर एक सामान के लिए वह यहां वहां दौड़ते रहे। कभी पैसा ज्यादा लगने पर उन सामानों को नहीं खरीद पाते थे। उनको सेकेंड हैंड चीजें चाहिए था। जो स्टूडेंट्स यूज कर किसी को कम दामों पर देकर चले जाते है। तब उनके मन में 28 अक्टूबर 2018 को विचार आया कि क्यों न हम इंटरनेट मीडिया के जमाने में इसी का सहारा लिया जाये। ताकि मेरी तरह इस समस्या से जुझने वाले तमाम स्टूडेंट्स को राहत मिल सके। फिर क्या? फेसबुक पर एक गु्रप बना दिया और नाम रखा 'कमरा खाली हैÓ
करीब साढ़े तीन साल में पचास हजार जुड़े स्टूडेंट्स
गु्रप एडमिन संदीप बताते है कि शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आई। फिर कुछ दिन व महीने और साल बाद जब लोगों का समाधान हुआ तो लोग जानने लगे। अब संदीप इस गु्रप के जरिए बाहर से आए अनजान दूसरे स्टूडेंट्स की मदद करने का संकल्प लिया। संदीप बताते है कि एक-एक छात्रों को वह इसके बारे में बताते थे। लोग हंसते थे। यह सब क्या है। उन्होंने कोचिंग और हॉस्टल में रहने वाले प्रतियोगी छात्र इससे जुडऩा शुरु किये। आज करीब साढ़े तीन साल में इस गु्रप से 50 हजार से 'यादा छात्र जुड़ कर प्रतिदिन एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। फेसबुक पर द्धह्लह्लश्चह्य;//222.द्घड्डष्द्गड्ढशशद्म.ष्शद्व/द्दह्म्शह्वश्चह्य/621761302021623/?ह्म्द्गद्घ=ह्यद्धड्डह्म्द्ग यह लिंक है। कमरा खाली है गु्रप के एडमिन संदीप कुशवाहा ने बताया कि यह गु्रप स्टूडेंट्स के लिए गार्जियन की भूमिका निभाता है।
यह सब जानते है
यदि आप प्रतियोगी छात्र हैं और प्रयागराज में रहकर तैयारी करना चाहते हैं तो यहां कमरा ढूंढना मशक्कत भरा काम है। ऐसे में यह गु्रप आपकी कमरा खोजने में मदद करता है। मकान मालिक सिर्फ कमरा देते हैं। ना उसमें पंखा होता है, ना लाइट, ना टेबल-कुर्सी और ना ही बेड। ऐसे में विद्यार्थियों को यह चीजें स्वयं से खरीदनी पड़ती है। यह चीजें भी गु्रप में सेकेंड हैंड दाम पर आसानी से छात्रों को उपलब्ध हो जाती है। बेचने और खरीदने वाले दोनों छात्र ही होते हैं। कोचिंग आने जाने के लिए साइकिल चाहिए होती है तो वह भी सेकंड हैंड इसी गु्रप में मिल जाती है। इस तरह से विद्यार्थी जीवन की तमाम छोटी-बड़ी जरूरत इस ग्रुप से पूरी हो जाती है। पढ़ाई के लिए नोट्स, सेकंड से हैंड किताबें एवं शिक्षा संबंधित कई सारी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। ऑनलाइन शिक्षा के दौर में मोबाइल फोन, लैपटॉप, कुर्सी, मेज, टेबल, फैन, कूलर गैस सिलेंडर एवं अन्य मूलभूत जरूरत की चीजें भी मिल जाती हैं।