सरकार ने बजट में सपनों का बजाया बैंड
प्रयागराज (ब्यूरो)। जानकारों की मानें तो बजट को अच्छी तरह से समझने है तो पहलेसंविधान के अनुच्छेद 112 को जानना होगा। अनुच्छेद 112 में बजट जैसे शब्द को कोई प्रयोग नहीं है। बताते हैं कि इसे अनुच्छेद में वार्षिक वित्तीय विवरण के नाम से जाना जाता है। मतलब सरकार द्वारा एक वर्ष का पेश किया जाने वाला वित्तीय विवरण। इस बात को ध्यान में रखते हुए यहीं से मंगलवार को पेश किए गए बजट को समझना होगा। बजट में ज्यादातर महत्वपूर्ण योजनाएं तीन, पांच व 25 वर्षों पर आधारित हैं। जबकि अनुच्छेद 112 सरकार को एक वर्ष के वित्तीय विवरण का अधिकार देता है। यही वजह है कि इस बजट को अर्थशास्त्री खयाली पुलाव और ख्वाब पर अधिक आधारित बता रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बजट में राजकोषीय घाटा चिंतनीय है। इसके असर से देश में बेरोजगारी और महंगाई बढऩे के प्रबल आसार हैं। इससे सरकार पर भी कर्ज बढ़ेगा जिसका प्रेशर सीधे तौर पर आम पब्लिक को झेलना पड़ेगा। बताया जा रहा कि ज्यादातर सरकार ने 80 लाख पीएम आवास योजना का बजट में जिक्र किया है। मगर, किस वर्ष में कितने आवास बनाए जाएंगे यह उल्लेख नहीं है। अर्थशास्त्री इस बजट में किसानों के लिए भी कुछ खास नहीं बताया है। कहते हैं कि कारपोरेट टैक्स को 18 प्रतिशत से घटाकर 15 फीसदी करने का एलान बड़े व्यापारियों को राहत देगा। क्रिप्टोकरेंसी से आय पर 30 फीसदी टैक्स का असर उनपर पड़ेगा देश के जो लोग विदेश में रहते हैं। दो साल के भीतर अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की सुविधा को आम पब्लिक के लिए हितकारी बताया गया।
बजट पर क्या कहते हैं सीए बजट से मध्यम वर्ग के व्यापारियों को बड़ी उम्मीद थी। उन्हें लग रहा था कि 80-सी में छूट दायरा बढ़ाएंगे। मगर, बजट के किए गए घोषणा से लगता है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। कहने का अर्थ यह है कि टैक्स में कोई बड़ा चेंज इस बजट में फिलहाल नहीं किया गया है। मध्यम वर्ग के व्यापारियों को इस बजट कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। लेकिन जो कृषि कानून में बदलाव हुआ है वह बहुत अहम है। इस तरह देखा जाय तो बजट में बहुत ज्यादा कुछ खास नहीं है। छोटे व्यापारियों के लिए कोई नई स्कीम नहीं लाई गई है। कोरोना कॉल में व्यापारियों के प्रतिष्ठान बंद रहे इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है। इस पर भी गौर नहीं किया गया।बृजेंद्र लाक्षाकार, कर एवं वित्त सलाहकार
बजट निराशाजनक रहा। सरकार से उम्मीद थी कि पिछले वर्षों का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का आप्शन दिया जाए एवं रिटर्न रिवाइज करने का आप्शन लोगों को दिया जाए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कोविड काल में बंद व्यापार को देखते हुए भी छोटे व्यापारियों के लिए कोई स्कीम नहीं है। नए व्यापारियों के लिए भी कोई आकर्षण रहा। यह जरूर है कि ट्रेन और सड़क के विकास से व्यापार को गति मिलेगी। क्रिप्टोकरेंसी पर सीधा टैक्स लगाया गया है, इसमें नुकसान को एडजस्ट नहीं किया जा सकता। गिफ्ट को भी टैक्सेबल कर दिया गया है। इसमें विकलांगों को अगल से छूट दी गई है।
नितिन मेहरोत्रा, सीए पूर्व अध्यक्ष आईसीएआई
यह बजट खासकर डिजिटलाइजेशन पर आधारित रहा। बजट में छोटे व्यापारियों के लिए बहुत कुछ खास नहीं है। टैक्स में कोई बड़ा चेंज नहीं हुआ है। टैक्स को लेकर चीजें करीब सेम ही हैं। इस बजट का मध्यम व छोटे व्यापारियों को बहुत लाभ नहीं मिलेगा। पहले स्थापित स्टार्ट-अप को एक वर्ष बढ़ा दिया गया है जिसमें टैक्स ब्रेक प्रदान किया जाएगा। वर्चुअल डिजिटल एसेट (क्रिप्टोकरेंसी) आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लेगा। अधिग्रहण की लागत के अलावा अन्य खर्चों के लिए कोई कटौती नहीं है। घाटे का कोई सेट ऑफ नहीं है।
दिव्या चंद्रा, सीए कोषाध्यक्ष एवं सीकासा अध्यक्ष आईसीएआई
अतुल मिश्रा, सीए अध्यक्ष सीए इंस्टीट्यूट
अर्थशास्त्रियों की नजर में बजट
पहली चीज तो ये समझना जरूरी है कि इसे बजट नहीं वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है। मतलब यह कि सरकार द्वारा एक वर्ष का पेश किया गया वित्तीय विवरण। मंगलवार को जो बजट पेश किया गया इसमें एक वर्ष पर आधारित कोई वित्तीय विवरण नहीं है। महत्वपूर्ण सारी योजनाएं तीन, पांच से शुरू होकर 25 वर्ष तक के लिए है। राजकोषीय का घाटा 6.9 प्रतिशत पहुंचने की बात कही गई है जो चिंता बढ़ाने वाली है। सरकार के पास जब इनकम ही नहीं होगी तो रोजगार या अन्य चीजें वे कहां से देगी। ऐसे में देश पर कर्ज के साथ बेरोजगारी और महंगाई भी बढऩे के संकेत हैं। पीएम आवास जैसी कुछ ही योजनाएं हैं जिसका थोड़ा बहुत लाभ आम पब्लिक को मिल सकता है।
प्रो। प्रशांत कुमार घोष, अध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग विश्वविद्यालय इलाहाबाद
प्रो। मनमोहन कृष्णा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में अपने आवास के लिए भटक रहे लोगों का खूब ध्यान रखा गया है। इस दौर में लोगों के लिए बजट में आवास की योजना सराहनीय है। छोटे व मध्यम वर्गीय व्यापारियों पर टैक्स का लोड नहीं बढ़ाया राहत भरा रहा। कोरोना से जंग और वैक्सीनेशन आदि पर हो रहे खर्च को देखते हुए टैक्स में ग्रोथ की उम्मीद की जा रही थी। बजट हर वर्ग के लिए कुल मिलाकर मिला जुला दिखाई दे रहा है। सरकार ने मध्यम व छोटे व्यापारियों का ध्यान रखा है।
सुशांत केसरवानी, व्यापारी बजट को देखने से ऐसा लगता है कि सरकार का पूरा ध्यान देश में इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहा है। 75 डिजिटल बैंक के माध्यम से किसानों को जोडऩे से किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। ज्यादा पैसे होने से वह खर्च करेगा जिसके कारण बाजार में बिक्री बढ़ेगी। इसका लाभ व्यापारियों को भी मिलेगा। आयकर में संशोधित रिटर्न को दाखिल करने की सुविधा देना बड़ा कदम है। सरकार को कारपोरेट की तरह व्यापारियों को भी राहत देना चाहिए था। इंफ्रा में निवेश से माल का परिवहन सुगम होगा, इससे लागत कम होगी और व्यापार भी बढ़ेगा। आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी उतारने से जनता में क्रिप्टो के प्रति विश्वास बढ़ेगा। महंगाई कम करने के लिए बजट में कुछ नहीं है।
महेंद्र गोयल, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश कैट यह पहली बार सरकार का ऐसा बजट देखने को मिला जिसमें सभी हाथ मलते रह गए। किसी के हाथ कुछ भी नहीं लगा। सरकार के बजट में पब्लिक व कर्मचारियों के लिए सिर्फ सब्जबाग के सिवाय कुछ भी नहीं किया। जिस डिजिटल करेंसी की बात कही गई है वह इतनी बड़ी आबादी वाले देश में आने वाले वक्त में बड़े घोटाले को जन्म देगी। बजट में कर्मचारियों के लिए भी आयकर सीमा कोई छूट नहीं दी गई है। सरकार जब जीएसटी में दावा कर रही कि लक्ष्य से कई हजार करोड़ अधिक आए हैं, तो आवाम को कर में छूट देनी चाहिए थी। टारगेट से अधिक जीएसटी में इनकम के बावजूद सरकार पब्लिक को कुछ नहीं दी।
राग विराग वरिष्ठ उपाध्यक्ष राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद/कार्यकारी अध्यक्ष व महामंत्री लेखा एवं लेखा परीक्षा सेवा एसोसिएशन व्यापारियों की नजर बेदम है बजट
टेली कांफ्रेंसिंग मीटिंग में जिला उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष सुशांत केसरवानी ने बजट को विकास उन्मुख बताया। साथ ही यह भी कहा कि इसमें और सुधार की गुंजाइश है। 80 हजार आवास बनाए जाने से नए रोजगार सृजित होंगे। इसका लाभ मजदूरों एवं व्यापारियों को होगा। वन स्टेट वन प्रोडक्ट की नीति को स्वागत योग्य बताया। आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत की उम्मीद जताई। कहा कि आयकर रिकंसाइल करने की समय सीमा बढ़ाने का लाभ व्यापारियों को होगा। इस मौके पर वित्त एवं कर सलाहकार पवन जायसवाल, राज कुमार केसरवानी, मनीष कुमार गुप्ता, अनूप वर्मा, राजीव कृष्ण श्रीवास्तव , प्रशांत पांडेय, सुशील जायसवाल, राजीव तिवारी, ओम प्रकाश केसरवानी, अरविंद केसरवनी, विशाल वर्मा, निखिल पांडेय, अन्नू केसरवानी, शुभम शर्मा, रीता सोढ़ी, रचना त्रिवेदी, रोशनी अग्रवाल, सुनीता चोपड़ा, स्वारिका भारद्वाज आदि व्यापारी मौजूद रहे। इसी तरह जिला एवं महानगर उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष व प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव कृष्ण श्रीवास्तव बंटी भैया एवं जिला वरिष्ठ महामंत्री अनूप वर्मा और महानगर वरिष्ठ महामंत्री निखिल पांडेय दिन बजट को निराशा जनक बताया।