देवों ने बरसाये फूल, खुशी में थिरके भूत-प्रेत
प्रयागराज (ब्यूरो)। महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत यमुना पुरी, श्रीमहंत बलराम भारती, नीरज गिरि व भानुशंकर गिरि ने पूजन के बाद बरात रवाना किया। धकाधक चौराहा, बख्शी त्रिमुहानी, डा। प्रभात शास्त्री मार्ग आदि क्षेत्रों में बरात घूमी। इसमें भूत-प्रेत व मां काली का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। तीर्थराज पांडेय 'बच्चा भैयाÓ ने बरात की महिमा पर प्रकाश डाला। इसमें ङ्क्षपटू शास्त्री, आकाश पांडेय, अखिलेश वाष्र्णेय, लल्ला अवस्थी, धर्मराज पांडेय, निर्दोष भारती, प्रकाश वैश्य, आशीष गोस्वामी शामिल रहे। वहीं, ङ्क्षरकू निषाद के संयोजन में समयामायी मंदिर कीडगंज से भगवान शिव की भव्य बरात निकाली गई। ध्वज-पताका, बैंडबाजा के साथ निकली बरात का जगह-जगह पुष्पवर्षा करके स्वागत हुआ।
निकली त्रिशूल भगवान की शोभायात्रा
जय शिव सेना भारत की ओर से त्रिशूल भगवान की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। मीरापुर में विधिवत पूजन करकेपूरे सजधज के साथ निकली यात्रा विभिन्न मोहल्लों में घूमी। संगठन के अध्यक्ष ओंकारनाथ त्रिपाठी ने कहा कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिरने के बाद ङ्क्षहदू राष्ट्र की स्थापना हो गई है। ङ्क्षहदू राष्ट्र का स्वरूप धीरे-धीरे विस्तार ले रहा है। संयोजक विशाल साहनी ने कहा कि त्रिशूल भगवान की शोभायात्रा सनातन संस्कृति व वैभव का केंद्र है। यात्रा में राजेश केशरवानी, अभिषेक ङ्क्षसह, बब्बन ङ्क्षसह, सुधीर गेठे, दुर्गेश नंदिनी, बिरजू सोनकर, बादल आदि शामिल रहे।